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कौन से खतरनाक कैंसर से जूझ रही थीं ‘झनक’ फेम एक्ट्रेस Dolly Sohi, जानें लक्षण

Cervical Cancer Risk: जानी-मानी टीवी अदाकारा डॉली सोही अब इस दुनिया में नहीं रहीं। डॉली के अचानक निधन से कई टीवी सितारे हैरान और सदमें में हैं। आखिर ये कैंसर का कौन सा रूप है, जिससे ये अभिनेत्री जूझ रही थी और कैसे इसकी पहचान कर सकते हैं, जानिए। 
12:18 PM Mar 08, 2024 IST | Deepti Sharma
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Cervical Cancer Risk:  'झनक' फेम डॉली सोही का 8 मार्च की सुबह निधन हो गया है। 24 साल तक टीवी पर अपने एक्टिंग का जादू दिखाने वाली डॉली सोही कैंसर से जंग हार गईं और 48 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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वहीं, अभिनेत्री ने अपनी बहन अमनदीप की मौत के कुछ घंटे बाद ही दुनिया को अलविदा कह दिया। अभिनेत्री डॉली सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही थीं। आइए जान लेते हैं कितना जानलेवा हो सकता है सर्वाइकल कैंसर और इसके लक्षण...

क्या है सर्वाइकल कैंसर ?

सर्वाइकल कैंसर तब होता है जब गर्भाशय ग्रीवा (Uterine Cervix) की लेयर में असामान्य सेल्स अनकंट्रोल्ड होकर बढ़ती हैं और बाद में ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। अगर जल्दी ही इसकी पहचान नहीं होती है, तो कैंसर सेल्स धीरे-धीरे आसपास के टिश्यू में बढ़ती हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल सकती है।

सर्वाइकल कैंसर किसे होता है?

सर्वाइकल कैंसर 30 की उम्र की शुरुआत में महिलाओं में सबसे आम कैंसर माना जाता है।

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सर्वाइकल कैंसर कितने प्रकार के होते हैं?

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma)

यह सर्वाइकल कैंसर का सबसे आम प्रकार है और यह गर्भाशय ग्रीवा की सतह पर पैदा होता है।

एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma)

यह सर्वाइकल कैंसर ग्लैंड सेल्स में विकसित होता है, जो गर्भाशय ग्रीवा कफ का उत्पादन करती हैं।

मिक्स कार्सिनोमा (Mixed Endometrial Carcinoma)

गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर होने पर इसमें स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और एडेनोकार्सिनोमा की कभी-कभार प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं।

सर्वाइकल कैंसर के रिस्क फैक्टर क्या-क्या हैं?

उम्र

सर्वाइकल कैंसर का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता जाता है और यह अक्सर 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में पाया जाता है।

धूम्रपान

सिगरेट के धुएं में ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो शरीर की सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर पूर्व परिवर्तन का जोखिम बढ़ता है।

एचपीवी (Human Papillomavirus Infection)

एचपीवी यौन सम्पर्क से फैलता है और सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामलों के साथ-साथ कई वजाइना और वल्वर कैंसर का कारण है। एचपीवी की वजह से गर्भाशय ग्रीवा की सेल्स बदल सकती हैं। अगर असामान्य सेल्स का पता नहीं लगाया गया और उनका इलाज नहीं किया गया, तो वे कैंसर बन सकती हैं। कुछ प्रकार की सेक्शुअल एक्टिविटी से एचपीवी संक्रमण का खतरा बढ़ता है, जैसे-

  • एक से ज्यादा साथी के साथ संबंध बनाना।
  • कम उम्र में पहला इंटरकोर्स।
  • शारीरिक संबंध के दौरान प्रोटेक्शन का इस्तेमाल न करना।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत

  • पीरियड्स के बीच या बाद में खून के थक्के दिखना
  • पीरियड्स में ब्लीडिंग सामान्य से ज्यादा भारी होना
  • इंटरकोर्स या पेल्विक टेस्ट के बाद ब्लीडिंग
  • वेजाइनल डिस्चार्ज
  • इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना
  • मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना

ये भी पढ़ें- महिलाओं में ये 6 बीमारी होने का ज्यादा खतरा, एक तो ले सकती है जान! जानें संकेत

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

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Tags :
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