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Blood Test से जुड़े 5 Myth, कौन सा भरोसेमंद, जानिए एक्सपर्ट से?

Blood Test Myth: ब्लड टेस्ट आज के समय में मॉडर्न मेडिकल का एक ऐसा उपकरण हो गया है जिसका इस्तेमाल बीमारियों, शुगर से लेकर खून की मात्रा और गुणवत्ता चेक करने के लिए किया जाता है। खून की जांच को लेकर कुछ मिथक भी लोगों के बीच बने रहते हैं, आइए जानते हैं इनमें से कौन सा सही है और कौन सा नहीं।
09:55 AM Dec 10, 2024 IST | Namrata Mohanty
photo credit-freepik
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Blood Test Myth: ब्लड टेस्ट आधुनिक ट्रीटमेंट का एक आधार है, जिससे इलाज करने में सफलता मिलती है। खून की जांच से इंसान की सेहत और शरीर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिलती हैं। हालांकि, ब्लड टेस्ट मेडिकल वर्ल्ड का सबसे चमत्कारी आविष्कार माना जाता है। खून की जांच किफायती दामों में हो जाती है और कई गंभीर बीमारियों के होने या न होने के बारे में जानकारी प्रदान करती है। मगर इसके बावजूद भी ब्लड टेस्ट को लेकर लोगों के बीच कुछ मिथक चर्चित हैं। आइए आपको बताते हैं इन मिथकों के बारे में क्या कहते हैं डॉक्टर।

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डॉक्टर की राय

न्यूज 9 में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर समीर भाटी, जिन्होंने अपनी टीम से बातचीत में बताया कि कुछ मिथक हैं, जिन पर लोगों को भरोसा है और हेल्थ सेक्टर का यह फर्ज बनता है कि लोगों को इन मिथकों के बारे में जरूरी जानकारी दें और यह भी बताएं कि किस पर विश्वास किया जा सकता है।

ये हैं 5 मिथक

1. ब्लड टेस्ट सिर्फ बीमारी में- खून की जांच सिर्फ तब ही की जाती है, जब आप बीमार हैं। यह एक गलत धारणा है। ब्लड टेस्ट आप बेहतर स्वास्थ्य, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर से लेकर सीबीसी (CBC), डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की जानकारी प्राप्त करने के लिए भी किया जा सकता है। किसी रोग का जल्दी पता लगाने के लिए नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाना आपको बीमारी की गंभीर स्थिति से बचा सकता है।

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2. ब्लड टेस्ट से पहले खाने-पीने से बचना- यह भी एक मिथक है कि ब्लड टेस्ट से पहले आप कुछ भी खा सकते हैं या कुछ भी नहीं खा सकते हैं। दरअसल, कुछ ब्लड टेस्ट ऐसे होते हैं जैसे कोलेस्ट्रॉल और शुगर टेस्ट के लिए आपको उपवास करना पड़ता है। खाने-पीने से टेस्ट के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर की अडवाइस के अनुसार ही अपना ब्लड टेस्ट करवाएं।

3. ब्लड टेस्ट पूरी तरह सत्य होते हैं- लोग हमेशा मान लेते हैं कि ब्लड टेस्ट के परिणाम हमेशा सही होते हैं, बल्कि ब्लड टेस्ट सटीक होते हैं, लेकिन कभी-कभी तकनीकी कारणों के चलते परिणाम गलत भी हो सकते हैं, जैसे लैब की गलती, सैंपल की खराबी या मशीन का खराब होना। इसलिए, हमेशा ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट को किसी डॉक्टर से ही चेक करवाएं।

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4. ब्लड टेस्ट दर्द या जोखिम भरा हो सकता है- लोगों के बीच यह भी एक कॉमन मिथक है कि ब्लड टेस्ट से आपको कोई दर्द हो सकता है या इससे आपकी सेहत पर कोई असर पड़ सकता है। कुछ लोगों को गेज सुइयों के संपर्क में आने से डर लगता है। इसलिए, हल्की चुभन से भी इंसानों को घबराहट या खौफ होता है, जबकि ऐसा नहीं होता है। यह सिर्फ उनके मन में चल रही बातें होती हैं।

5. ब्लड टेस्ट से भविष्य में होने वाली बीमारियों का अनुमान लगाया जा सकता है- कई लोग सोचते हैं कि ब्लड टेस्ट से फ्यूचर में होने वाली बीमारियां जैसे कैंसर या हृदय रोगों के बारे में पहले से पता लगाया जा सकता है। जबकि इसके विपरीत ब्लड टेस्ट कुछ जोखिमों जैसे कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, हार्मोनल इंबैलेंस का पता लगाने में मदद कर सकता है। यह कॉमन बीमारियां आगे चलकर गंभीर बीमार का कारण बन सकती हैं, लेकिन यह भविष्य में होने वाली सभी बीमारियों का सटीक रिजल्ट नहीं दे सकता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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