Stroke के संकेतों से रहें सावधान! जानें इसके प्रकार, कारण, लक्षण और बचाव
Stroke Symptoms: स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल प्रॉब्लम है, जिसमें मस्तिष्क पर आघात होता है। यह तब होता है, जब दिमाग में खून क प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे मस्तिष्क के सेल्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यह स्थिति समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकती है। स्ट्रोक एक वैश्विक समस्या है, कुछ हेल्थ रिपोर्ट्स की मानें, तो दुनिया भर में 1,00,000 लोग हमेशा इस स्थिति के घेरे में होते हैं, साथ ही दुनिया में मौत का दूसरा कारण भी स्ट्रोक ही है। इसके मामलों के बढ़ने के कारणों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल की समस्या आदि शामिल है। आइए जानते हैं स्ट्रोक के बारे में सबकुछ।
स्ट्रोक क्या है?
स्ट्रोक में मस्तिष्क का दौरा पड़ता है, जिसमें ब्रेन सेल्स में खून और ऑक्सीजन की पूर्ति पर्याप्त न होने पर वे कोशिकाएं मर जाती है। यह स्थिति इंसान की जान तक ले सकती है। भारत में स्ट्रोक की घटनाएं प्रति 1,00,000 लोगों में से 119 से 145 लोगों को होती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति को स्ट्रोक आता है।
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स्ट्रोक के प्रकार
1. इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke)- स्ट्रोक के इस प्रकार में मस्तिष्क की ब्लड वेसल्स में रुकावट आती है, इसे स्ट्रोक का सबसे आम प्रकार माना जाता है।
2. हेमोरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke)- इस स्ट्रोक में दिमाग के अंदर खून की नसें फट जाती है और ब्लीडिं होती है। हेमोरेजिक स्ट्रोक, अक्सर प्रेशर और स्ट्रेस के कारण आता है।
3. टीआईए TIA (Transient Ischemic Attack)- इस स्ट्रोक के प्रकार में मस्तिष्क के किसी हिस्से में खून का प्रवाह कुछ समय के लिए रुक जाता है। हालांकि, इसमें कई बार तुरंत इफेक्ट नहीं पड़ता है पर भविष्य में होने वाली स्ट्रोक की चेतावनी होती है।
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स्ट्रोक के शुरुआती संकेत
1. कमजोरी महसूस करना।
2. सेंसिटिविटी महसूस होना।
3. चेहरे में कमजोरी होने से एक तरफ के फेस पर झुकाव या लटका हुआ दिखाई देना।
4. चलते समय कोई और काम करने या फिर सिर्फ 1 हाथ को उठाने में परेशानी महसूस करना।
5. बोलने में लड़खड़ाहट होना।
6. सिर में तेज दर्द रहना, घबराहट होना या शरीर का संतुलन बनाने में परेशानी।
इन लोगों को Stroke का ज्यादा रिस्क
स्ट्रोक के बढ़ते मामलों का एक कारण हमारा खराब लाइफस्टाइल है। दरअसल, लाइफस्टाइल की आदतें खराब होने से कई अन्य बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है, जैसे कि डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल लेवल का इंबैलेंस, हाई बीपी। इन सभी का कारण यही है कि धूम्रपान और शराब का सेवन करना है। कम फिजिकल एक्टिविटी, मोटापा आदि हो सकता है। जो लोग ज्यादा तनाव लेते हैं, उन्हें भी स्ट्रोक का रिस्क रहता है।
स्ट्रोक से बचाव के उपाय
- हेल्दी डाइट का सेवन करें, जिसमें लो फैट्स और कम नमक वाला फूड्स शामिल है।
- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक कोई न कोई शारीरिक गतिविधि जरूर करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन कम से कम करें।
- योग और ध्यान का सहारा लें, ताकि स्ट्रेस कम हो सकें।
- ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित रूप से जांच करवाएं।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।