होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

ठीक होने के बाद फिर से एक्टिव हो सकता है कैंसर, रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली बात

Cancer Cause: कैंसर एक घातक बीमारी है। इस बीमारी को लेकर दुनियाभर में रिसर्च होती है। नई रिसर्च बताती है कि यह रोग हमारे शरीर में सालों तक रहता है, जिसके बारे में आसानी से पता नहीं चलता और कुछ सालों बाद इसके बारे में पता चलता है। आइए जानते हैं इस बारे में।
08:57 AM Dec 29, 2024 IST | Namrata Mohanty
photo credit-freepik
Advertisement

Cancer Cause: कैंसर के कई प्रकार हैं जैसे स्तन कैंसर, लंग कैंसर आदि। यह रोग एक चुनौतीपूर्ण बीमारी है, जिसमें जान का जोखिम होता है। ब्रेस्ट कैंसर भी कैंसर का एक ऐसा प्रकार है, जिसके मामले दुनियाभर में बढ़ रहे हैं। कैंसर को लेकर दुनियाभर के हेल्थ डिपार्टमेंट्स में अध्ययन चलते रहते हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में पाया गया है कि कुछ कैंसर के प्रकार ऐसे होते हैं, जो पहले उपचार में ठीक होने के बाद कुछ सालों में एकबार फिर से एक्टिव हो सकते हैं। मुख्यत: ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों में ऐसा ज्यादा होता है। आइए जानते हैं इस रिसर्च के बारे में सब कुछ।

Advertisement

कहां हुई है यह रिसर्च?

यह रिसर्च ब्रेस्ट कैंसर पर की गई थी, जो यूनाइटेड स्टेट्स के मिशिगन विश्वविद्यालय में डॉक्टर गैरी ल्यूकर के नेतृत्व में की गई थी। उन्होंने अपनी रिसर्च में इस बात पर प्रकाश डाला है कि ब्रेस्ट कैंसर के कुछ प्रकार जिनका पहले उपचार हो चुका है, वह कुछ सालों बाद फिर से सक्रिय हो सकता है। इससे बीमारी फिर से उभर सकती है, खासतौर पर उन मरीजों में जो एस्ट्रोजन रिसेप्टर-पॉजिटिव वाले ब्रेस्ट कैंसर के पेशेंट्स थे।

ये भी पढ़ें- हाई ब्लड शुगर के 5 संकेत, भूलकर भी न करें इग्नोर

क्या कहती है स्टडी?

रिसर्च के अनुसार, डॉक्टर गैरी ल्यूकर का मानना है कि कैंसर के इलाज के समय लोगों को अधिकांश तौर पर यही लगता है कि रोगमुक्त हो गए हैं लेकिन ब्रेस्ट कैंसर के इस प्रकार में जो एस्ट्रोजन रिसेप्टर-पॉजिटिव के मरीज होते हैं, उनके बोन मैरो में भी कैंसर सेल्स पहुंच जाते हैं। ये कैंसर सेल्स इलाज होने के बाद भी मौजूद रहते हैं, जिससे बीमारी कुछ सालों बाद फिर से पनपने लगती है।

Advertisement

Photo Credit- Freepik

GIV क्या है?

रिसर्च में GIV या गिरडिन नामक एक प्रमुख प्रोटीन की भी पहचान की गई है, जो कैंसर सेल्स को जीवित रखने में मदद करता है।

कैंसर से बचाव के तरीके

हालांकि, रिसर्च को अभी पूरी तरह सही नहीं माना जा रहा है। इस पर और अध्ययनों की जरूरत है लेकिन कुछ बातों का पालन किया जाना चाहिए, ताकि हम कैंसर जैसे रोग से बच सकें। इसके लिए आपको अच्छे और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए। साबुत अनाज, हरी सब्जियां और एंटीऑक्सिडेंट्स का सेवन करें। धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें। धूप के संपर्क में सीधे तौर पर न आएं। इसके लिए चेहरे और स्किन पर सन प्रोटेक्शन का यूज करें। धूप में काला चश्मा पहनें। फिजिकल रिलेशन बनाते समय भी सावधानी बरतें।

ये भी पढ़ें- स्वामी रामदेव ने बताए इस सब्जी के फायदे

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Breast Cancer Causescancer causehealth newshealth research
Advertisement
Advertisement