चीनी या गुड़ दोनों में से कोलेस्ट्रॉल मरीजों के लिए क्या ज्यादा फायदेमंद?
Cholesterol Problems: मीठा खाने की तलब होना लाजिमी है और यह सुबह या आधी रात को कभी भी किसी को भी हो सकती है। जब हमें मीठा खाने का मन करता है तो हम कुछ नहीं देखते और बिना कोई नुकसान जाने सीधे मीठा खा लेते हैं। लेकिन अगर आपका बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो क्या आपको मीठा खाना चाहिए? अगर आप मीठा खा रहे हैं तो किसका सेवन करना चाहिए, चीनी या फिर गुड़, क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है या खराब है तो मरीजों के लिए क्या बेहतर है? आइए जान लेते हैं इस बारे में..
कोलेस्ट्रॉल में शुगर या गुड़ क्या खाना बेहतर?
चीनी और गुड़ दोनों का ही टेस्ट बढ़ाने के लिए यूज किया जाता है। लेकिन कई हेल्थ एक्सपर्ट शुगर की बजाय गुड़ खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, दोनों एक ही चीज से बनते हैं, लेकिन इनका बनाने का प्रोसेस अलग-अलग होता है। शुगर को प्रोसेस और रिफाइंड करके बनाया जाता है। वहीं, गुड़ में नेचुरल शुगर होता है। चीनी का ज्यादा सेवन हेल्थ के लिए गंभीर हो सकता है, इससे कई बीमारियो का डर रहता है। वहीं, गुड़ को आप बैलेंस करके खाते हैं तो इससे आपको लाभ मिलता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल में शुगर खाने के नुकसान
चीनी का टेस्ट सभी को पसंद है और कभी-कभी क्रेविंग होने पर खाने से मन शांत रहने के साथ-साथ एनर्जी भी मिलती है। चीनी में मौजूद मिठास सिर्फ कोलस्ट्रॉल ही नहीं बल्कि कई बीमारियों की वजह बनती है। चीनी ज्यादा खाने से डायबिटीज, दिल से जुड़ी बीमारियां और मोटापे की समस्या बढ़ती है। इसके सेवन से शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर मीठे का मन है तो क्या खाएं?
अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है और मीठा खाने का मन है, तो चीनी के बदले और गुड़ खाएं। गुड़ के पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में हेल्प करते हैं। इनके आलावा मीठे में आप नाशपाती, सेब जैसे फलों को खा सकते हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल में गुड़ के फायदे
गुड़ में मौजूद पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देते हैं और शरीर में वेस्ट प्रोडक्ट को बाहर करने में हेल्प करते हैं। इसके साथ ही इसका सेवन करने से पाचन में सुधार होता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल में शुगर क्यों नहीं खाना चाहिए?
हाई कोलेस्ट्रॉल के मामले में शुगर के सेवन को कंट्रोल करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ज्यादा शुगर का सेवन हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है।
ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ना
ज्यादा शुगर का सेवन ट्राइग्लिसराइड्स फैट का लेवल बढ़ सकता है। हाई ट्राइग्लिसराइड्स दिल की बीमारियों के लिए एक खतरे का फैक्टर है।
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
शुगर का ज्यादा सेवन "बुरे" एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल आर्टरी में प्लाक बनाकर जम सकता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है।
मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम
ज्यादा शुगर खाने से वजन और मोटापा बढ़ सकता है। मोटापा हाई कोलेस्ट्रॉल और मेटाबोलिक सिंड्रोम का कारण बन सकता है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस
शुगर को ज्यादा खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है। डायबिटीज वाले लोगों में अक्सर हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल हाई होने से दिल की बीमारियों के जोखिम को और बढ़ा देता है।
सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव
शुगर को ज्यादा खाने से शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ा सकता है, जो आर्टरी में प्लाक और दिल की बीमारी को बढ़ा सकता है।
इन बातों का ध्यान रखें
- मीठा और मीठे से बनने वाली चीजों का सेवन कम करें।
- प्रोसेस्ड फूड्स और पैकेज्ड स्नैक्स खाने से बचें।
- नेचुरल शुगर जैसे-फलों का सेवन करें, जिसमें फाइबर भी होता है और यह ज्यादा हेल्दी होता है।
- बैलेंस डाइट का पालन करें, जिसमें फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट शामिल हों।
- हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार करके हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरों को कम कर सकते हैं।
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