खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

अब रोज इंसुल‍िन का दर्द झेलने की जरूरत नहीं, हफ्ते में बस एक द‍िन और बन जाएगा काम

Novo Nordisk Weekly Insulin Jab : डायबिटीज के मरीजों के लिए एक खुशखबरी है। डेनमार्क की कंपनी एक ऐसी वैक्सीन लाई है जिसे हफ्ते में एक दिन ही लगाने से काम चल जाएगा। यानी रोज-रोज की इंसुलिन से मुक्ति मिल जाएगी। इस वैक्सीन को भारत में जल्द लॉन्च किया जा सकता है। जानें, क्या है वह वैक्सीन:
10:28 AM Jul 03, 2024 IST | Rajesh Bharti
रोजाना की वैक्सीन से मिलेगी मुक्ति।
Advertisement

Novo Nordisk Weekly Insulin Jab : डायबिटीज के मरीज को अब रोजाना इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डेनमार्क की कंपनी ने एक ऐसी वैक्सीन बनाई है जिसे हफ्ते में एक बार लगाने से ही काम चल जाएगा। भारतीय मार्केट में इस वैक्सीन को जल्दी लाया जा सकता है। भारत की एक मेडिकल संस्था ने इस वैक्सीन को भारत में बेचने की सिफारिश की है। इस वैक्सीन का नाम इंसुलिन आईकोडेक (Insulin Icodec) है।

Advertisement

इंसुलिन मार्केट को मिल सकती है नई दिशा

इस वैक्सीन के इंडियन मार्केट में आने से इंसुलिन मार्केट को नई दिशा मिल सकती है। डेनमार्क की कंपनी नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) इसे भारत में जल्दी लॉन्च कर सकती है। इसके लिए वह भारत से अप्रूवल का इंतजार कर रही है। माना जा रहा है कि यह कंपनी इस वैक्सीन के अप्रूवल के काफी करीब है। भारत के ड्रग कंट्रोलर के अंतर्गत काम करने वाली संस्था सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने सिफारिश की है कि इस वैक्सीन को भारत में इंपोर्ट किया जाए और बेचा जाए।

हफ्ते में एक दिन की वैक्सीन ही रहेगी काफी।

यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी से मिल चुकी है अनुमति

यह वैक्सीन तीन वेरिएंट में है। इसमें 700 U-ml, 1050 U/1.5ml और 2100 U/3ml हैं। इसे यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) की ओर से बेचने की अनुमति मिल चुकी है। इसी प्रकार की अनुमति के लिए Novo Nordisk ने भारत से अप्रूवल मांगा है। अप्रूवल की मांग तीनों वेरिएंट को बेचने के लिए की है। इस बारे में SEC का कहना है कि इस वैक्सीन को बेचने से पहले कंपनी को भारत में एक पोस्ट मार्केटिंग सर्विलांस (PMS) स्टडी करनी होगी।

Advertisement

सीधे इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे इसे

इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक इस वैक्सीन को कोई भी डायबिटीज मरीज सीधे इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। SEC का कहना है कि सिर्फ रजिस्टर्ड एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या पोस्ट ग्रेजुएट (मेडिसिल) क्वालिफाइड फिजिशन ही इस वैक्सीन को लगाने की अनुमति दे सकेंगे।

3 महीने का दिया समय

SEC ने कंपनी से कहा है कि वह 3 महीने में PMS स्टडी की रिपोर्ट पेश करे ताकि कंपनी को मार्केटिंग के अधिकार दिए जा सकें। साथ उसे इस वैक्सीन के पैकेज इंसर्ट को संशोधित करना होगा। इसके बाद ही कंपनी को Central Drugs Standard Control Organization (CDSCO) से अप्रूवल दिया जाएगा। माना जा रहा है कि Novo Nordisk इन सभी प्रक्रिया को 3 महीने में पूरी कर लेगी और इसके बाद यह वैक्सीन मार्केट में आ जाएगी।

यह भी पढ़ें : बारिश के मौसम में डायबिटीज मरीज रखें 5 बातों का ख्याल

Advertisement
Tags :
Diabetesinsulin
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement