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भारतीयों के लिए हेल्दी डाइट की गाइडलाइंस जारी, प्रोटीन और सप्लीमेंट्स की नहीं पड़ेगी जरूरत

Healthy Diet Tips For Indians: National Institute of Nutrition ने 13 साल के लंबे ब्रेक के बाद लोगों के लिए डाइट से जुड़ी गाइडलाइन जारी की हैं।
09:51 PM May 09, 2024 IST | Deepti Sharma
भारतीयों के लिए हेल्दी डाइट टिप्स Image Credit: Freepik
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Healthy Diet Tips For Indians: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का ध्यान रखना हर किसी के लिए बहुत जरूरी है। इसमें सबसे पहले खानपान की अहम भूमिका होती है। दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) ने नए साइंटिफिक रिजल्ट, लाइफस्टाइल में बदलाव, बीमारियों और भोजन की आदतों को ध्यान में रखते हुए 'भारतीयों के लिए डाइटरी गाइडलाइंस' को अपडेट किया है।

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इसमें भारतीयों को सलाह दी कि वे डेली चीनी का सेवन 20-25 ग्राम (एक चम्मच लगभग 5.7 ग्राम) तक सीमित रखें, क्योंकि यह नेचुरल कार्बोहाइड्रेट से आता है, प्रोटीन सप्लीमेंट्स से बचें और ऑयल का इस्तेमाल कम करें।

गाइड लाइन में एयर फ्राइंग और ग्रेनाइट-कोटेड कुकवेयर के बारे में बात की गई है। NIN ने पहली बार पैकेज्ड फूड लेबल के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। आईसीएमआर ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बुधवार को अपडेट दिशानिर्देश जारी करते हुए कई बातों पर ध्यान देने के लिए कहा है।

मिट्टी के बर्तन

मिट्टी के बर्तन सबसे सेफ है और ये इको फ्रेंडली भी हैं। इनमें ऑयल की जरूरत काफी कम होती है और साथ ही पोषण प्रॉपर रहता है।

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मेटल

एल्युमिनियम, लोहे, अनलाइंड ब्रास या तांबे के बर्तनों में चटनी, सांबर जैसे एसिडिक खाने को स्टोर करना सुरक्षित नहीं है।

स्टेनलेस स्टील

स्टेनलेस स्टील को भी सेफ माना जाता है।

नॉन-स्टिक पैन

अगर 170 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हीट पर गर्म करते हैं तो यह नुकसानदायक हो सकते हैं। अगर इनकी परत उतर जाए तो इन बर्तनों को चेंज कर देना चाहिए।

ग्रेनाइट स्टोन

अगर इन बर्तनों पर टेफ्लॉन की परत नहीं होती है, तो इन्हें सेफ माना जाता है। अगर परत है तो मीडियम हाई टेंपरेचर पर रखें।

डाइट के लिए जरूरी सुझाव

खाना पकाने के तेल का यूज कम से कम करना और नट्स और सीफूड के माध्यम से जरूरी फैटी एसिड ले सकते हैं। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से जुड़ी गाइडलाइन भी दी गई हैं। इसमें यह सलाह दी गई है कि प्रोटीन पाउडर का रेगुलर सेवन न करें।NIN के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि प्रोटीन सप्लीमेंट्स से बचना सबसे अच्छा है, क्योंकि इसमें रिस्क ज्यादा है फायदा कम होता है।

प्रोटीन पाउडर अंडे, डेयरी दूध या सोयाबीन, मटर और चावल जैसे पौधों के स्रोतों से बनाए जाते हैं। प्रोटीन पाउडर में ज्यादा शुगर, नॉन-कैलोरी स्वीटनर और आर्टिफिशियल टेस्ट जैसे एडिटिव्स भी हो सकते हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि प्रोटीन पाउडर का डेली सेवन न किया जाए। ब्रांच्ड-चेन अमीनो एसिड से भरपूर प्रोटीन नॉन-कम्युनिकेबल बीमारी के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसलिए ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का सेवन सही नहीं है।

अनहेल्दी डाइट है बीमारियों की वजह  

NIN की रिपोर्ट के अनुसार, बहुत से बच्चे खराब पोषण का शिकार हैं। बच्चों में ज्यादा वजन और मोटापा बढ़ रहा है, जिससे कुपोषण की समस्या से जुड़े हैं। अंडर न्यूट्रिशन और मोटापा दोनों ही साथ-साथ देखने को मिल रहा है। हमारे भारत में कुल बीमारियों का 56.4%  अनहेल्दी डाइट यानी अस्वस्थ आहार के कारण है।

ये भी पढ़ें-  ज्यादा बीमारियों के पीछे अनहेल्दी लाइफस्टाइल, ICMR का अलर्ट

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