तेजी से 'बूढ़ी' हो रही नई पीढ़ी, कैंसर का भी खतरा बढ़ा; रिसर्च ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे
Generation Z is Ageing Faster : अगर आपको कोई ऐसा शख्स मिले जो 20 साल का हो लेकिन दिखने में किसी 30-35 साल जितने शख्स सा लगे तो चौंकिएगा नहीं। चौंकना उस अमेरिकी रिसर्च पर चाहिए जो यह बताती कि आज की नई पीढ़ी देखने में अपनी उम्र से ज्यादा बड़ी नजर आ रही है। या कह सकते हैं कि तेजी से बूढ़ी हो रही है। रिसर्च में बताया गया है कि जेनरेशन Z के लोग जेनरेशन मिलेनियल्स के मुकाबले उम्र में ज्यादा बड़े नजर आते हैं। बता दें कि जेनरेशन Z में वे लोग आते हैं जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। वहीं जेनरेशन मिलेनियल्स में वे लोग आते हैं जो 1981 से 1996 के बीच पैदा हुए हैं। इस रिसर्च को हाल ही में इंटरनेशनल कैंसर कॉन्फ्रेंस में पेश किया गया था। यह रिसर्च इंग्लैंड के करीब 5 लाख लोगों पर की गई।
कैंसर और स्ट्रेस बना कारण
रिसर्च के मुताबिक वे लोग जिन्हें लंग्स, पेट या गर्भाशय संबंधी कैंसर हुआ था और उनका इलाज चला था, उनमें बढ़ती उम्र के लक्षण ज्यादा पाए गए। रिसर्च के मुताबिक ऐसे लोगों की कोशिकाएं की उम्र (बायोलॉजिकल उम्र) वास्तविक उम्र से ज्यादा थी। यह सब लोगों की लाइफस्टाइल, डाइट, माहौल और स्ट्रेस के कारण था। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जॉर्डन ने कुछ समय पहले बताया था कि वह जेनरेशन Z से हैं और 26 साल के हैं। लेकिन उन्हें देखकर नहीं बता सकता कि उनकी उम्र 26 साल है। वह 26 साल से बड़े शख्स जैसे दिखाई देते हैं। इसका कारण उन्होंने स्ट्रेस बताया था।
लाइफस्टाइल भी बढ़ती उम्र का एक कारण है
नई पीढ़ी में कैंसर का रिस्क ज्यादा
रिसर्च में बताया गया है कि जेनरेशन Z का ज्यादा उम्र का दिखाई देने का एक कारण है कि उनके उन पैरेंट्स या ग्रैंडपैरेंट्स में कैंसर हुआ हो जिनका जन्म 1965 के बाद हुआ। यही कारण है कि जेनरेशन Z में भी कैंसर का रिस्क ज्यादा है। उन्हें कैंसर अपने पैरेंट्स या ग्रैंडपैरेंट्स की उस उम्र से जल्दी हो सकता है, जिस उम्र में उन्हें कैंसर हुआ था।
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बढ़ रही हैं बीमारियां
इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के हेल्दी लाइफस्पैन इंस्टिट्यूट में को-डायरेक्टर और प्रोफेसर इलारिया बैलेनटुओनो के मुताबिक जेनरेशन Z की बढ़ती उम्र के कारण उनमें कई तरह की बीमारियां होने का रिस्क बढ़ गया है। ये ऐसी बीमारियां हैं जो बड़ी उम्र के लोगों को होती हैं। वहीं वे लोग जो स्मोकिंग करते हैं, उनमें लंग्स कैंसर का भी रिस्क बढ़ गया है। बढ़ती बायोलॉजिकल उम्र और कैंसर के रिस्क के कारण वे क्रोनिक कंडिशन की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।