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5 वजहों से पुरुषों की तुलना में महिलाएं होती हैं ज्यादा दिल की बीमारियों का शिकार

Women And Heart Disease: बदलते मौसम के साथ-साथ हर किसी का लाइफस्टाइल चेंज हो रहा है। चाहे पुरुष हो या महिलाएं ज्यादातर स्मोकिंग या शराब का सेवन करते हैं। इसके बावजूद दिल की बीमारियों का खतरा महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा पाया जाता है। क्या हैं इनके पीछे की वजह, जानिए।
08:25 PM May 29, 2024 IST | Deepti Sharma
वुमन हेल्थ केयर टिप्स Image Credit: Freepik
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Women And Heart Disease: आजकल के दौर में इर्ररेगुलर लाइफस्टाइल (Irregular lifestyle) कई बीमारियों की वजह बनती हैं। किसी भी समय भोजन करना, पूरी नींद न लेना और एल्कोहल की हैबिट दिल के लिए हानिकारक होती है और ये दिल की बीमारियों की वजह बनती है। ये सब ऐसे फैक्टर हैं, जिनकी वजह से पुरुषों और महिलाओं में बीमारियां होती हैं।

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वैसे अगर कोई अगर डायबिटीज, हाई ब्ल्ड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल की समस्या, स्मोकिंग, मोटापे को दिल की बीमारी की वजह माना गया है। आपको बता दें, ये बीमारियां दोनों में ही पाई जाती हैं, लेकिन महिलाओं दिल की बीमारियों का ज्यादा रिस्क होता है। ऐसा क्यों होता है कि महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती हैं, आइए जान लेते हैं ये 5 प्रमुख कारण..

हार्मोनल इफेक्ट्स

महिलाएं अलग-अलग हार्मोनल परिवर्तनों से गुजरती हैं, जैसे पीरियड, प्रेगनेंसी, और मेनोपॉज। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का लेवल गिर जाता है, जो दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है।

लक्षणों का अंतर

दिल की बीमारियों के लक्षण पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं। महिलाओं में अक्सर लक्षण उतने साफ नहीं होते हैं और यह पेट दर्द, थकान और सांस की समस्या जैसे असामान्य लक्षणों के रूप में दिख सकते हैं।

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मेडिकल रिसर्च में अंतर

दिल की बीमारियों पर बहुत सारी रिसर्च मुख्य रूप से पुरुषों पर फोकस रहा है। महिलाओं के दिल की बीमारी के विशेष पहलुओं को समझने के लिए पर्याप्त स्टडी नहीं हुई है, जिसके कारण मेडिकल ट्रीटमेंट और निदान में अंतर आ सकता है।

लाइफस्टाइल फैक्टर 

महिलाओं में अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी स्थितियों को मैनेज करने में पुरुषों की तुलना में कम प्रभावी ढंग से किया जाता है। इसके अलावा, महिलाओं में मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता की दरें भी अधिक हो सकती हैं, जो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं।

मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारक

तनाव, डिप्रेशन और चिंता जैसी मेंटल हेल्थ समस्याएं महिलाओं में ज्यादा होती हैं, जो दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा, महिलाओं के लिए फैमिली और काम की जिम्मेदारियों के बीच बैलेंस बनाना भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जो उनके दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

इन सभी कारणों के चलते, महिलाओं में दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा हो सकता है और इसके लिए खास ध्यान और देखभाल की जरूरत होती है। महिलाओं को रेगुलर रूप से अपने दिल के स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

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