Heat Stroke और Brain Stroke में क्या अंतर? दोनों में 'जानलेवा' कौन
Heat Stroke And Brain Stroke Difference: गर्मी के कारण बढ़ते हाई टेंपरेचर के बीच चल रही भयंकर लू से हीट स्ट्रोक का जोखिम बना रहता है। अब तो डॉक्टर भी समय-समय पर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। क्योंकि हीट वेव बढ़ने पर ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। गर्मियों में बहुत जल्दी शरीर डिहाइड्रेट होता है। ऐसी कंडीशन में शरीर का खून गाढ़ा होता है और ब्लड सर्कुलेशन में समस्या आती है। हीट स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है, जिसमें बॉडी टेंपरेचर बहुत ज्यादा बढ़ता है और शरीर का टेंपरेचर कंट्रोलर सिस्टम फेल हो जाता है।
इन दोनों ही परेशानियों में स्ट्रोक होता है। दोनों के कुछ लक्षण मिलते भी हैं तो लोग इन्हें एक-दूसरे से जुड़ा हुआ मान लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। चक्कर आना, बेहोशी और कोमा जैसे लक्षण दोनों तरह की परेशानियों हीट स्ट्रोक के कारण शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाता है, जिससे दिमाग पर असर पड़ता है। जबकि ब्रेन स्ट्रोक दिमाग में खून सप्लाई में रुकावट या ब्लीडिंग के कारण होता है।
हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक में गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इससे दिमाग की काम करने के फंक्शन पर भी प्रभाव पड़ता है और कई तरह के लक्षण उभरते हैं। शरीर का तापमान बढ़ते हुए कई बार 104-107 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच सकता है। इतने तापमान पर व्यक्ति बेहोश हो जाता है। ऐसे में माथा और दोनों बगलों (Armpit) पर सामान्य पानी की पट्टी रखनी चाहिए। ज्यादा ठंडे पानी से बचना चाहिए।
शरीर की नसों यानी न्यूरॉन सेल को सही तरीके से काम करने के लिए सही टेंपरेचर (97 से 98 डिग्री फारेनहाइट) की जरूरत होती है। इससे कम या ज्यादा होने पर ये सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक 2 टाइप का होता है
इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke)- जब खून की नली में रुकावट आ जाए, तो स्ट्रोक का खतरा होता है।
हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke)- जब खून की नली फट जाती है।
ब्रेन स्ट्रोक
सामान्य शब्दों में कहें तो दिमाग में किसी भी कारण से ब्लड सप्लाई रुकना ब्रेन स्ट्रोक कहलाता है। ब्रेन स्ट्रोक के कारण लकवा (Paralysis) होना बहुत ही कॉमन है। अगर सीधे शब्दों में कहें तो ब्रेन स्ट्रोक का अगर ये कारण है तो लकवा उस परेशानी का नतीजा हो सकता है। दरअसल, ब्रेन स्ट्रोक की कई कारणों से हो सकता है। खून की नलियों का संकरा हो जाना, ब्लड प्रेशर का बहुत ज्यादा बढ़ जाना, चोट आदि भी कारण हैं। इन सभी में से किसी भी वजह से अगर दिमाग तक खून पहुंचने में रुकावट पैदा हो जाए या दिमाग की नस फट जाए तो वह ब्रेन स्ट्रोक की कंडीशन होती है। अगर स्ट्रोक गंभीर नहीं है तो लकवे का असर कम होता है।
क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक
- हाई बीपी 2. स्मोकिंग
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- शुगर
- अल्कोहल और दूसरे नशीले पदार्थों के सेवन से।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।