हाथों और पैरों के ये संकेत हो सकते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
High Cholesterol Symptoms: हाई कोलेस्ट्रॉल को अक्सर एक "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं देते, लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे दिल की बीमारी और स्ट्रोक। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में सेल्स के प्रोडक्शन के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा खून में फैट के जमाव का कारण बन सकती है, जिससे Arteries संकरी हो जाती हैं। इससे खून का फ्लो बाधित हो सकता है।
हालांकि, हाई कोलेस्ट्रॉल के कुछ संकेत हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्सों, खासकर हाथों और पैरों पर नजर आ सकते हैं। इन संकेतों को समझकर और पहचानकर समय रहते सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है, ताकि इसे गंभीर बीमारियों में बदलने से रोका जा सके। इस लेख में हम उन प्रमुख लक्षणों के बारे में जानेंगे, जो हाथों और पैरों पर दिखाई देते हैं और यह कैसे हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकते हैं।
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कोलेस्ट्रॉल क्या है?
कोलेस्ट्रॉल खून में पाई जाने वाली एक fatty पदार्थ है। यह शरीर की Cells को बनाने में मदद करता है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं:
- लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL): इसे "बुरा" कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, क्योंकि यह Arteries में फैट जमा कर सकता है और खून का फ्लो रोक सकता है।
- हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL): इसे "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, जो Arteries से कोलेस्ट्रॉल को निकालकर उसे शरीर से बाहर निकालता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
हाई कोलेस्ट्रॉल के स्पष्ट लक्षण अक्सर नहीं होते, लेकिन कुछ संकेत हाथों और पैरों पर दिखाई दे सकते हैं। आइए जानते हैं उन संकेतों के बारे में:
1. Xanthomas
जंतों त्वचा के नीचे फैट की गांठें होती हैं जो पीली या नारंगी रंग की होती हैं। ये अधिकतर हाथों, कोहनी, घुटनों और एड़ी के पास दिखाई देती हैं। ये गांठें आकार में छोटी या बड़ी हो सकती हैं और हाई कोलेस्ट्रॉल का प्रमुख संकेत होती हैं।
2. Arcus Senilis
आर्कस सेनीलिस आंखों के कोर्निया के चारों ओर सफेद या ग्रे आर्क के रूप में दिखाई देता है। यह ज्यादातर उम्र बढ़ने के साथ होता है, लेकिन यह हाई कोलेस्ट्रॉल का भी संकेत हो सकता है, खासकर युवाओं में।
3. नाखूनों का रंग बदलना
हाई कोलेस्ट्रॉल से खून का Communications affected हो सकता है, जिससे नाखूनों का रंग बदल जाता है। नाखूनों के नीचे हलका नीला रंग दिखना या नाखूनों का टूटना, कमजोर होना इस बात का संकेत हो सकता है कि खून का फ्लो ठीक से नहीं हो रहा है।
4. पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD)
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज तब होती है जब Arteries संकरी हो जाती हैं और खून का फ्लो पैरों और हाथों तक नहीं पहुंच पाता। हाई कोलेस्ट्रॉल इस समस्या का मुख्य कारण हो सकता है। इसके लक्षणों में पैरों में दर्द, खिंचाव और कमजोरी महसूस होना शामिल हैं।
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हाई कोलेस्ट्रॉल की रोकथाम कैसे करें?
हाई कोलेस्ट्रॉल से बचाव के लिए कुछ सरल उपायों को अपनाना महत्वपूर्ण है:
1. स्वस्थ आहार
फल, सब्जियां , साबुत अनाज, और स्वस्थ फैट से भरपूर आहार का सेवन करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मछली और अलसी के बीज खाने से कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है।
2. नियमित व्यायाम
नियमित व्यायाम करें, जैसे चलना, दौड़ना या तैराकी। इससे आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है और बुरा कोलेस्ट्रॉल घटता है।
3. दवाइयां
यदि आपका कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा है, तो डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने के लिए दवाइयां जैसे स्टेटिन्स मदद कर सकती हैं।
4. रेगुलर चेकअप
नियमित रूप से कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाना जरूरी है ताकि समय रहते समस्या का पता चल सके और उसे कंट्रोल किया जा सके।
हाई कोलेस्ट्रॉल एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन समय रहते इसके लक्षण पहचानकर इसे रोका जा सकता है। स्वस्थ आहार, व्यायाम और नियमित जांच के जरिए आप अपने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकते हैं।