खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

मानसून में बरतें ये 5 सावधानियां, कोसों रहेंगी बीमारियां दूर

Health Tips For Monsoon: इन दिनों तेज धूप के बीच कभी-कभी बारिश की फुहार गर्मी के साथ उमस को और भी बढ़ा देती है। इस तरह के मौसम में वायरल संक्रमण व मौसमी फ्लू की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। आइए जान लेते हैं ऐसे में किन बातों का रखें ध्यान, जिससे आप रह सकें फिट और हेल्दी.. 
11:11 AM Jun 26, 2024 IST | Deepti Sharma
Advertisement

Health Tips For Monsoon: इन दिनों कभी तेज धूप तो कभी बारिश के कारण हो रही उमस से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ऐसे मौसम में वायरल संक्रमण की आशंका और भी बढ़ जाती है। देखा जाए, तो मौसमी बुखार जैसी नॉर्मल प्रॉब्लम एक फिक्स पीरियड के बाद तो ठीक हो जाती है,लेकिन दूसरी तरफ कुछ वायरल संक्रमण ऐसे होते हैं जो ज्यादा गंभीर साइड इफेक्ट कर सकते हैं।

Advertisement

सही समय पर जांच व उपचार न करने पर यह खतरनाक भी हो सकता है। इस मौसम में फ्लू का प्रकोप भी सामान्य हो जाता है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि पहले से सावधान रहें और फ्लू होने पर उपचार के लिए उपाय करें।

हल्के में न लें मौसमी बुखार  

इंफ्लुएंजा को आमतौर पर मौसमी बुखार कहते हैं, जो इन्फ्लूएंजा (Influenza) नामक वायरस से होता है। इसका संक्रमण एक से दो दिन में होता है और ज्यादा से ज्यादा पांच या सात दिनों में यह लगभग ठीक भी हो जाता है। हालांकि, आमतौर पर इन दिनों होने वाले बुखार को कई लोग नॉर्मल समझ लेते हैं, पर ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर इस संक्रमण से छोटे बच्चे, बुजुर्गों या किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों पर असर कर दे, तो उनके लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है।

इन लक्षणों पर दें ध्यान

बुखार, ठंड लगना, शरीर और मसल्स में दर्द, खांसी, सिरदर्द, गला खराब होना, थकान होना, वोमिटिंग या लूज मोशन होना आदि।

Advertisement

सावधानी ही एकमात्र बचाव

मौसमी बुखार होने पर फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत सावधानी बरतें। इससे होने वाले साइड इफेक्ट को कम कर सकते हैं। खासकर उन लोगों का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है, जिनके लिए फ्लू एक बड़ा खतरा बन सकता है। गर्भवती महिलाओं, पांच साल तक के बच्चे, 65 या इससे ज्यादा उम्र के लोगों, कैंसर, दिल की बीमारियां, किडनी की बीमारी, एस्टेरॉयड पर डिपेंड रहने वाले मरीज आदि को संक्रमण से बचाव करना जरूरी है।

डॉक्टर से कब मिलें

  1. अगर बुखार 5-6 दिन लगातार बना रहे, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें।
  2. सांस लेने में परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से मिलें।
  3. फीवर में यूरिन कम आ रहा हो तो भी देर न करें। जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें।
  4. लगातार वोमिटिंग या लूज मोशन हो रहे है या कुछ भी खाने के बाद मन खराब हो रहा है, तो डॉक्टर से मिलें।

वैक्सीन से बेहतर बचाव

फ्लू से बचाव का सबसे सरल उपाय है वैक्सीन लेना। छह माह से ऊपर के बच्चे और बड़ी उम्र के लोग वैक्सीन ले सकते हैं। इसे साल में एक बार लिया जाता है। इससे फ्लू के दुष्प्रभाव या खतरे को कम किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें-  ट्रेडमिल पर चलने से भी जान जाने का खतरा! बरतें ये 7 सावधानियां

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।  

Advertisement
Tags :
health newsMonsoon Health Tips
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement