होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

अच्छी लाइफस्टाइल में छिपा है फर्टिलिटी का राज; कम उम्र में भी क्यों आ रही ये समस्या?

How To Improve Male Fertility: 25 से 30 साल के युवा भी अब इनफर्टिलिटी की चपेट में आ रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक, इनफर्टिलिटी का असर मां के गर्भ से ही बच्चे पर पड़ना शुरू हो जाता है। कैसे ये समस्या लाइफस्टाइल से जुड़ी है, आइए जानें...
08:52 PM Jul 01, 2024 IST | Deepti Sharma
Image Credit: Freepik
Advertisement

How To Improve Male Fertility: किसी भी इंसान की फर्टिलिटी तभी से प्रभावित होने लगती है, जब वह एक भ्रूण के रूप में मां के गर्भ में होता है। अगर कोई महिला प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज्यादा प्रदूषण वाली जगहों पर रहती है, तो गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है। एक हेल्थ सर्वे के मुताबिक, गर्भ के अंदर ही उसे टॉक्सिन्स का एक्सपोजर मिलने लगता है। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान मां जिन फूड्स का सेवन करती है, इसका असर भी होने वाले बच्चे पर होता है। कभी-कभार हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ाने वाले खाने वाली चीजें गर्भ में पल रहे शिशु की आने वाली लाइफ पर असर करती है।

Advertisement

अनहेल्दी लाइफ स्टाइल

जो लोग हर रोज ऑफिस के बाद ड्रिंक लेना पसंद करते हैं। हर दिन 3 से 4 सिगरेट पीते हैं, उनमें यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसके अलावा, डेली लाइफ में प्लास्टिक की चीजें, टिफिन बॉक्स,पानी की बोतल भी मेल हार्मोन सीमेन हेल्थ पर असर कर रही है। लैपटॉप, मोबाइल फोन और मॉडेम की वजह से आने वाली रेडिएशन भी पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या को बढ़ा रहा, क्योंकि इससे स्पर्म की क्वालिटी घट जाती है। स्पर्म की शेप बदल जाती है और स्पीड भी कम हो जाती है।

हार्मोंस का बड़ा रोल

पुरुषों के शुक्राणुओं के निर्माण से लेकर इनके ठीक से फंक्शन करने तक, हार्मोन्स का बड़ा रोल होता है। सेक्सुअल एक्टिविटी से संबंधित हार्मोन पिट्यूटरी ग्लैंड, हाइपोथेलेमस और टेस्टिकल्स में बनते हैं। इनके अलावा, अन्य हार्मोन भी कई बार छोटी-मोटी समस्याएं पैदा करते है, जिससे पुरुषों में इनफर्लिटी आती है। पुरुष इनकी जांच के लिए अपना हार्मोन टेस्ट करा सकते हैं, जिसके लिए ब्लड सैंपल लिया जाता है। टेस्टिकल्स का अल्ट्रासाउंड यानी स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड कराया जाता है।

Advertisement

जेनेटिक भी एक कारण

जेनेटिक वजहों से पिता नहीं बन रहे हैं, तो इसमें कई सारे टेस्ट शामिल हैं, जो इस बात का पता लगा सकते हैं कि स्पर्म इजेकुलेशन के बाद कितने टाइम तक जिंदा रहते हैं। महिला के अंडों तक जाकर उसमें प्रवेश करने में कितने सक्षम हैं या फिर कोई अन्य समस्या है? इसके अलावा, टेस्टिकुलर बायोप्सी में टेस्टिकल्स से इंजेक्शन के द्वारा एक छोटा-सा सैंपल लिया जाता है और फिर इसका टेस्ट किया जाता है।

ये भी पढ़ें-  सामान्य एलर्जी भी बढ़ा सकती है Skin Cancer का खतरा! जानें कब सावधान रहने की जरूरत

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।  
Open in App
Advertisement
Tags :
health news
Advertisement
Advertisement