होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Horlicks अब नहीं रहा हेल्दी ड्रिंक, बदल गई कैटेगिरी; जानिए- क्या हो गया नया नाम

HUL withdraws 'health' label from Horlicks : सरकार के कड़े निर्देशों के बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने अपने प्रोडेक्ट Horlicks की कैटेगिरी आखिरकार बदल दी। कंपनी ने अब इसे दूसरी कैटेगिरी में रख दिया है।
05:58 PM Apr 25, 2024 IST | Rajesh Bharti
कंपनी ने हॉर्लिक्स की कैटेगिरी बदल दी है
Advertisement

HUL withdraws 'health' label from Horlicks : हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी ने Horlicks को अब हेल्दी ड्रिंक की कैटेगिरी से हटा दिया है। कंपनी का कहना है कि इसे हेल्दी ड्रिंक की कैटेगिरी से हटाकर फंक्शनल न्यूट्रिशन ड्रिंक्स (FND) कैटेगिरी में रख दिया है। कंपनी ने यह कदम केंद्र सरकार के आदेश के बाद उठाया है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे ब्लिंकइट और जेप्टो पर भी कंपनी की कैटेगिरी बदल दी गई है। HUL के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रितेश तिवारी ने बताया कि हॉर्लिक्स को अब इस कैटेगरी में रखना सही है।

Advertisement

सरकार ने उठाया था सवाल

कुछ समय पहले एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ने बताया था कि बोर्नविटा में तय मात्रा से ज्यादा शुगर है। इसके बाद इस बात पर बहस छिड़ गई थी कि क्या ऐसी ड्रिंक हेल्दी हैं। कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय ने बॉर्नविटा और दूसरे ड्रिंक या बेवरेज को हेल्थ ड्रिंक न मानते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों को आदेश दिया था कि इन सबको हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगरी से हटा दिया जाए। वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी कहा था कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत हेल्थ ड्रिंक की कोई परिभाषा नहीं है। FSSAI ने सभी ई-कॉमर्स वेबसाइट से ऐसे प्रोडेक्ट को हेल्दी ड्रिंक की कैटेगिरी से हटाने के लिए कहा था। FSSAI का रिएक्शन तब आया जब उसने देखा कि कई बेवरेज को ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक कहकर बेचा जा रहा है।

क्या है FND

FND का मतलब ऐसी ड्रिंक से है जो नॉन-अल्कोहॉलिक होती हैं। इस कैटेगिरी में आने वाली ड्रिंक का मतलब प्रोटीन समेत कई पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना होता है। खाने-पीने की चीजें मानकों के अनुरूप न होने पर नेस्ले के प्रोडेक्ट भी निशाने पर आ चुके हैं।

यह भी पढ़ें : विदेश में भारत से जुड़ी 527 चीजों में मिला कैंसर वाला केमिकल, ड्राई फ्रूट्स भी नहीं सेफ; रिपोर्ट में खुलासा

Advertisement

मिल चुका है कैंसर वाला केमिकल

MDH और एवरेस्ट के मसाले भी गुणवत्ता को लेकर निशाने पर आ चुके हैं। इनमें कैंसर वाला केमिकल एथिलीन ऑक्साइड मिला था। एथिलीन ऑक्साइड एक कीटनाशक है जिसका इस्तेमाल खेती में कीटों को मारने में किया जाता है। साथ ही यह स्टरलाइजिंग एजेंट के रूप में भी काम करता है। खाने-पीने की चीजों में मिलाने के लिए इसे बैन किया गया है। इसका मुख काम मेडिकल इक्विपमेंट्स को स्टरलाइज करने में किया जाता है। साथ ही मसालों में इसका इस्तेमाल एक सीमित मात्रा में ही कर सकते हैं।

Open in App
Advertisement
Tags :
E-ecommerce platformsHealthy Drinkhorlicks
Advertisement
Advertisement