Lungs Cancer: पेशाब से पता चलेगा फेफड़ों का कैंसर है या नहीं? रिसर्च में हुआ खुलासा
Lungs Cancer: फेफड़ों का कैंसर होना कोई आप बात नहीं है। ये सिर्फ फेफड़े ही नहीं बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित करता है करता है। ये फेफड़ों की कोशिकाओं में होने वाला कैंसर है। ये तब होता है जब फेफड़ों की कोशिकाओं में असामान्य बदलाव आते हैं और ये अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं. इस वजह से फेफड़ों में ट्यूमर बन जाता है। साथ ही ये शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकता है। इस कैंसर की पहचान करना अब पहले से काफी आसान सकता है। वैज्ञानिकों ने एक नया यूरिन टेस्ट विकसित किया है, जो कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद कर सकता है।
कैसे करें टेस्ट
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट को विकसित करते हुए बताया कि ये यूरिन में जॉम्बी सेल प्रोटीन की पहचान करता है। ये प्रोटीन फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकते है। उन्होने बताया कि चूहों पर इस टेस्ट को सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस तकनीक से कैंसर के अन्य प्रकार, जैसे स्तन कैंसर, स्किन कैंसर और अग्नाशय कैंसर का भी जल्दी से जल्द पता लगाया जा सकेगा।
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इस जांच को जोंबी कोशिकाओं द्वारा जारी एक विशिष्ट प्रोटीन का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। जब जांच प्रोटीन से टकराती है, तो यह दो भागों में विभाजित हो जाती है। एक हिस्सा पेशाब के के माध्यम से उत्सर्जित होता है। शोधकर्ताओं में से एक प्रोफेसर लिजिलजाना फ्रुक बताती हैं कि हमने फेफड़े के ऊतकों में जोंबी कोशिकाओं द्वारा जारी एक अनोखे प्रोटीन की पहचान की और एक जांच से तैयार किया, जो इसके साथ प्रतिक्रिया करती है। जांच में पता चला कि पेशाब चांदी के घोल जैसा दिखाई दे सकता है। पेशाब के रंग से हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि फेफड़ों में शुरुआती बीमारी संबंधी परिवर्तन हो रहे हैं या नहीं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
डैमेज सेल्स के लक्षण
वैज्ञानिकों का कहना है कि कैंसर बनने से पहले ये टिशू में बदलते हैं। इनमें डैमेज सेल्स एक खास तरह के प्रोटीन को छोड़ती हैं, जिसे कि इसके लक्षण पहचाने जा सकते हैं। इसका मतलब है कि कैंसर के पहले संकेत मिलने पर ही इसका इलाज शुरू किया जा सकता है, जिससे मरीज के बचने की संभावना अधिक हो सकती है।
फेफड़े के कैंसर के लक्षण
1.लगातार खांसी रहना
2.सांस फूलना
3.छाती या कंधे में दर्द
4.छाती का संक्रमण जो ठीक नहीं होता या बार-बार वापस आ जाता है
5. खांसने पर खून निकलना
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।