क्या मैग्नीशियम सप्लीमेंट से बन जाएगी हेल्थ, फायदा या नुकसान, क्या होता है असर?
Magnesium Supplements Benefits And Side Effects: आजकल कई इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर के बीच मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स ट्रेंड में है। वे इसका इस्तेमाल करते नजर आते हैं और दूसरों को भी इसे अपनाने की सलाह देते नजर आते हैं। कहा जाता है कि इससे उन्हें एक 'जादुई गोली' मिल गई है। जिससे वे बेहतर पाचन, अच्छी नींद, मेंटल हेल्थ के लिए बेहतर बता रहे हैं। इसके अलावा भूख न लगना, मतली, मांसपेशियों में दर्द, कब्ज और यहां तक कि शीघ्रपतन जैसी समस्या के लिए भी इसे सुझाया जा रहा है, लेकिन क्या इसका इस्तेमाल करना वाकई सही है? आइए जानते हैं।
खुद से न लें ये सप्लीमेंट
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि इंफ्लुएंसर इसे वैज्ञानिकों के रिसर्च को समझकर इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, खुद से ही सप्लीमेंट लेने से फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है। मैग्नीशियम एक जरूरी मिनरल है, जो 300 से ज्यादा बायोमैकेनिकल रिएक्शन में शामिल है। यह एनर्जी प्रोडक्शन, प्रोटीन, मसल और नर्व फंक्शन, ब्लड ग्लूकोस कंट्रोल और ब्लड प्रैशर रेगुलेशन में जरूरी है। यह अच्छी नींद के लिए जरूरी माना जाता है क्योंकि यह नींद और स्ट्रेस से सीधे संबंधित न्यूरोट्रांसमीटर को रेगुलेट करने में मदद करता है।
संतुलित आहार से की जा सकती है पूर्ति
यह तंत्रिका कोशिकाओं के संवाद करने के तरीके को मजबूत करता है और शरीर की तनाव-प्रतिक्रिया प्रणाली को संतुलित करता है। मैग्नीशियम से मांसपेशियों को आराम देने में मदद मिलती है। यह कब्ज को भी रोकता है। हालांकि कई लोग ये नहीं समझते कि सप्लीमेंट के बजाय संतुलित आहार यानी बेहतर डाइट से ही मैग्नीशियम की पूर्ति की जा सकती है। इसलिए पहले डॉक्टर से सलाह लें। तभी अपनी डाइट में बदलाव करें।
ये भी पढ़ें: Vitamin B12 Foods: दही के साथ खाएं ये 3 चीजें, 21 दिनों में बढ़ जाएगा बी-12
इन चीजों से मिलता है मैग्नीशियम
मैग्नीशियम पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों, ड्राई फ्रूट्स यानी बादाम, काजू और मूंगफली से मिलता है। कद्दू, चिया और सूरजमुखी के बीज भी इसके अच्छे स्रोत हैं। ब्राउन राइस, क्विनोआ और साबुत गेहूं सहित साबुत अनाज में भी अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम मिलता है। ब्लैक बीन्स, एडामे और किडनी बीन्स जैसी फलियों से न केवल प्रोटीन, बल्कि मैग्नीशियम भरपूर मिलता है। डार्क चॉकलेट भी मैग्नीशियम बूस्ट देती है।
किसे-कितनी जरूरत?
अब सवाल ये कि मैग्नीशियम सप्लीमेंट की किसे जरूरत है? डॉक्टर के अनुसार, इसकी जरूरतें अलग-अलग उम्र और जेंडर के हिसाब से अलग-अलग होती हैं। वयस्क पुरुषों को प्रतिदिन लगभग 400-420 मिलीग्राम मैग्नीशियम की जरूरत होती है। वहीं वयस्क महिलाओं को 310-320 मिलीग्राम की जरूरत होती है।
प्रेग्नेंट और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को थोड़ा ज्यादा मात्रा में मैग्नीशियम चाहिए। पुराने तनाव से पीड़ित लोग, एथलीट, पाचन संबंधी विकार वाले, शुगर से पीड़ित लोगों, माइग्रेन या मांसपेशियों में ऐंठन का अनुभव करने वाले लोगों को मैग्नीशियम की कमी का जोखिम ज्यादा होता है। इसके अलावा सीलिएक रोग, टाइप 2 शुगर और शराब पर निर्भरता जैसी स्थितियों वाले लोगों को इसकी जरूरत हो सकती है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह पर ही लिया जाना चाहिए, खुद से नहीं। अगर कोई व्यक्ति ज्यादा मात्रा में सप्लीमेंट लेता है तो दस्त, मतली और पेट में ऐंठन हो सकती है।
ये भी पढ़ें: आपको तो नहीं है विटामिन बी12 की कमी?
ज्यादा इस्तेमाल से हो सकती है परेशानी
साथ ही अनियमित हार्ट रेट, लो ब्लड प्रेशर, मांसपेशियों में कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। गुर्दे की समस्याओं वाले लोगों के लिए असुरक्षित माना जाता है। खराब किडनी फंक्शन के चलते मैग्नीशियम को बाहर नहीं निकाला जा सकता है। एंटीबायोटिक्स, यूरिन और हार्ट की दवाओं सहित कुछ दवाएं मैग्नीशियम की खुराक के साथ नेगेटिव रिएक्शन हो सकता है।
ये भी पढ़ें: आहें भरने से मजबूत होंगे फेफड़े! नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा