खूबसूरती पर दाग नहीं लगाएंगे मस्से-तिल! आ गई वैक्सीन, खुद ब खुद हो जाएंगे छूमंतर
Mole Removing Vaccine: चेहरे पर अगर एक छोटा सा दाग लग जाता है तो मानो सारी खूबसूरती पर ही दाग लग गया है, लेकिन चेहरे पर काले तिल- मास्से आपकी सुदंरता को खराब कर देता है। आपको बता दें, मस्से भी तरह के होते हैं, जैसे- कोई जन्मजात मस्सा होता है और इनमें से ही एक होता है तिल, जो शरीर के किसी न किसी अंगों पर दिख जाते हैं।
ये तिल वैसे तो खूबसूरती बढ़ाते हैं, लेकिन कभी-कभी ये देखने में बहुत भद्दे लगते हैं। मस्से-तिल को हटाने के लिए कई लोग कितना ट्राई करते हैं, लेकिन छूटकारा फिर भी नहीं मिलता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने मस्सों से छुटकारा पाने का एक तरीका खोज लिया है। जिसके लिए मरीजों को सर्जरी करवाने की जरूरत नहीं है।
मस्सों के लिए टीका
फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट ने एक तरह का व्यक्तिगत/पर्सनलाइज्ड टीका बनाया है, जिससे मस्सों का ‘स्वयं विनाश’ यानी की खुद को खत्म कर सकता है। उनका मानना है कि इससे कैंसर के हाई रिस्क वाले मरीजों में मस्सों को ठीक करने का उपचार हो सकता है और यहां तक कि कॉस्मेटिक हटाने के एक नए तरीके का रास्ता निकल सकता है।
त्वचा पर छोटे-छोटे मस्सों का होना बेहद आम है और ये तब दिखाई देते हैं, जब मेलानोसाइट्स नामक पिगमेंट-प्रोडक्ट सेल्स ग्रुप में बढ़ती हैं। गर्भ में जेनेटिक म्यूटेशन के कारण होने वाली एक दुर्लभ त्वचा की स्थिति भी होती है, जिसे जन्मजात मेलानोसाइटिक नेवस सिंड्रोम (Congenital Melanocytic Nevus Syndrome) कहा जाता है, जिसके तहत व्यक्ति के शरीर का 80% हिस्सा बड़े, दर्दनाक या खुजली वाले मस्सों से ढका हो सकता है।
इस स्थिति वाले बच्चों और एडल्ट में सबसे गंभीर प्रकार के त्वचा कैंसर, मेलेनोमा के विकसित होने का जोखिम ज्यादा होता है।वैज्ञानिकों ने ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल (GOSH Great Ormond Street Hospital) के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार की है, जो इस बीमारी से पीड़ित युवाओं का इलाज करता है।
सेल्स और चूहों पर टेस्ट किया गया
रोगियों द्वारा दान की गई सेल्स और चूहों दोनों पर इसका टेस्ट करके, वे इन मोल सेल्स में म्यूटेड एक जीन को शांत करने में सक्षम थे, जो लोगों को कैंसर कर सकता है, जिसे NRAS कहा जाता है।
टीम ने साइलेंसिंग RNA नामक एक जेनेटिक थेरेपी का इस्तेमाल किया, जिसे खास पार्टिकल्स में सीधे मोल सेल्स में पहुंचाया गया। उन्होंने CMN वाले चूहों को थेरेपी वाला इंजेक्शन दिया, जिसने केवल 48 घंटों के बाद NRAS जीन को शांत कर दिया, जिससे सेल्स खुद को खत्म कर देती है।
उन्होंने CMN वाले बच्चों की सेल्स और पूरी त्वचा के हिस्सों पर भी इसका टेस्ट किया, जिसके नतीजे ‘बहुत ही रोमांचक’ थे, जिसे जर्नल ऑफ इन्वेस्टिगेट डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित किया गया। क्रिक और GOSH की प्रोफेसर वेरोनिका किंसलर ने कहा कि CMN इस बीमारी से पीड़ित बच्चों और बड़ों के साथ-साथ उनके परिवारों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण है।
एनएचएस त्वचा कैंसर वैक्सीन से मृत्यु या बीमारी के वापस आने का जोखिम आधा हो जाता है, अध्ययन से पता चलता है। ये परिणाम बहुत ही रोमांचक हैं, क्योंकि न केवल जेनेरिक मेडिसिन लेबोरेटरी में तिल सेल्स को ट्रिगर करती है, बल्कि इसे चूहों की त्वचा में पहुंचाने में कामयाब रही है। ये नतीजे बताते हैं कि भविष्य में उपचार लोगों में तिलों पर काम कर सकता है। हालांकि, इसे रोगियों को देने से पहले ज्यादा टेस्ट की जरूरत होगी।
ये भी पढ़ें- रुक-रुक कर आ रहा पेशाब तो बिल्कुल न करें इग्नोर, ये संकेत बता देंगे किन 5 बीमारियों के शिकार हो सकते हैं आप