Mutant Mosquitoes : पहली बार मिले म्यूटेंट मच्छर, कर सकते हैं बुरी तरह बीमार; कीटनाशक भी बेअसर!
मच्छरों का साइज भले ही छोटा होता हो लेकिन इन्होंने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है। वहीं, अब यह समस्या और गंभीर हो गई है। वैज्ञानिकों को ऐसे मच्छर मिले हैं जो जेनेटिक रूप से म्यूटेट हो चुके हैं और इन पर कीटनाशकों का असर भी नहीं पड़ रहा है। इस तरह के बेहद खतरनाक मच्छर तंजानिया में पहली बार पाए गए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो और तंजानिया के इफाकारा हेल्थ इंस्टीट्यूट ने वॉर्निंग दी है कि ये म्यूटेंट मच्छर मलेरिया के खिलाफ इंसानों की जंग को बेहद कमजोर कर सकते हैं।
द सन की एक रिपोर्ट के अनुसार स्टडी के लीड ऑथर और पीएचडी स्टूडेंट जोल ओडेरो ने कहा कि मलेरिया के संक्रमण को खत्म करने के लिए दशकों से चली आ रही प्रोग्रेस पर इन म्यूटेंट मच्छरों की वजह से संकट पैदा हो गया है। रिसर्चर्स ने तंजानिया की 10 लोकेशंस से मिले मच्छरों की जांच की और पाया कि इनमें से कुछ ने डीडीटी कीटनाशक के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता डेवलप कर ली है। रिसर्चर्स के अनुसार ऐसा एक जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से हुआ है जिसको L976F कहा जाता है।
रिसर्च में सामने आई बातों ने बढ़ा दी चिंता
मॉलीक्यूलर इकोलॉजी में पब्लिश हुई इस रिसर्च के दौरान तंजानिया के मोरोगोरो इलाके के मच्छरों को जब कीटनाशक के संपर्क में लाया गया तो उनमें से केवल 66 प्रतिशत मामलों में मच्छरों की मौत हुई। जबकि अन्य मच्छरों के साथ ऐसा किया गया तो लगभग 100 प्रतिशत मर गए थे। बता दें कि ऐसा पहली बार देखा गया है कि मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों में किसी भी केमिकल के खिलाफ इस तरह का नॉक डाउन रेजिस्टेंस देखा गया है। इन मच्छरों ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता काफी बढ़ा दी है।
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कैसे बीमार करते हैं मच्छर? कैसे रहें सेफ?
मच्छर कई तरह के घातक वायरस कैरी करते हैं। इन वायरस से मलेरिया, येलो फीवर और डेंगू जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार साल 2022 में मलेरिया की वजह से 6 लाख लोगों की मौत हुई थी। जब मच्छर काटते हैं तो मलेरिया का कारण बने वाले पैरासाइट्स इंसान के खून में पहुंच जाते हैं जो इंसान को बीमार कर देते हैं। इनसे बचने के लिए प्रोटेक्टिव कपड़े पहनने, उचित दवाइयां लेने, वैक्सीनेशन और कीटनाशकों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
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