अब इस देश ने भी उठाई MDH और Everest मसालों पर उंगली, लग सकता है बैन
MDH and Everest Masala Row : सिंगापुर, हांगकांग और अमेरिका के बाद MDH और Everest के मसाले एक और देश के निशाने पर आ गए हैं। इस देश ने भी इन मसालों की क्वॉलिटी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। यह देश इन मसालों की क्वॉलिटी की जांच कर रहा है। अगर क्वॉलिटी सही नहीं पाई जाती है तो इन मसालों पर यहां भी बैन लग सकता है। वहीं इन भारतीय मसालों की जांच अमेरिका भी कर रहा है।
कैंसर वाला केमिकल
जिस देश ने इन मसालों की क्वॉलिटी को राडार पर लिया है, वह ऑस्ट्रेलिया है। ऑस्ट्रेलियाई फूड सेफ्टी एजेंसी ने मंगलवार को बताया कि वह MDH और Everest के मसालों की क्वॉलिटी की जांच कर रही है। फूड स्टैंडर्ड ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड (FSANZ) ने कहा कि अगर इन मसालों की क्वॉलिटी में गड़बड़ पाई जाती है तो इन पर बैन लगा दिया जाएगा। अभी दो दिन पहले ही अमेरिका ने भी इन मसालों पर कार्रवाई की है। दरअसल, इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा तय मानकों से ज्यादा मिली है। यह कैंसर का कारण बन सकता है। इसी वजह से इन मसालों पर कार्रवाई की जा रही है।
जांच के बाद लिया जाएगा एक्शन
जांच एजेंसी FSANZ ने कहा कि हम मसालों और इसमें मौजूद केमिकल से जुड़े इस मुद्दे को समझने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं। इसके बाद ही पता चलेगा कि इन मसालों पर ऑस्ट्रेलिया में किसी तरह के एक्शन की जरूरत है या नहीं। एजेंसी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में ऐसे फूड आइटम्स को बेचने की अनुमति नहीं है जिसमें एथिलीन ऑक्साइड मौजूद है। एजेंसी ने कहा कि अगर किसी फूड में ऐसा केमिकल पाया जाता है तो उसे वापस भेज दिया जाएगा।
क्या है एथिलीन ऑक्साइड
एथिलीन ऑक्साइड एक कीटनाशक है जिसका इस्तेमाल खेती में कीटों को मारने में किया जाता है। साथ ही यह स्टरलाइजिंग एजेंट के रूप में भी काम करता है। खाने-पीने की चीजों में मिलाने के लिए इसे बैन किया गया है। इसका मुख काम मेडिकल इक्विपमेंट्स को स्टरलाइज करने में किया जाता है। साथ ही मसालों में इसका इस्तेमाल एक सीमित मात्रा में ही कर सकते हैं।
हो सकती हैं ये बीमारियां
एथिलीन ऑक्साइड को अगर तय मात्रा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। इसके संपर्क में आने से लिम्फोइड कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं यह डीएनए, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसका इस्तेमाल लंबे समय तक किया जाए तो स्ट्रेस हो सकती है। साथ ही आंखों, स्कीन, नाक, गले और फेफड़ों में जलन हो सकती है। वहीं अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार इसके इस्तेमाल से लिंफोमा और ल्यूकेमिया जैसी बीमारी भी हो सकती है।
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