32 बीमारियों का शिकार बना सकते हैं प्रोसेस्ड फूड्स, स्टडी में हुआ खुलासा
Processed Foods Risks: खराब खानपान के कारण कई तरह की खतरनाक बीमारियां हो रही हैं। आजकल किसी के पास समय नहीं है कि वो अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी बना सके। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई शॉर्ट में काम करता है, जैसे- भूख लग रही है, लेकिन खाना बनाने की बजाय बाहर से खाना पसंद करेंगे। बड़े से लेकर छोटे बच्चे अपना पेट भरने के लिए चटपटे चिप्स, नमकीन, पिज्जा, बर्गर या कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजें खा रहे हैं।
ये डाइट और खराब जीवनशैली असल में आपको बीमार बना रही है। दरअसल, ये अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड हैं, जिनको खाने से 32 से ज्यादा गंभीर बीमारियों का जोखिम रहता है। ये बात एक स्टडी के जरिए खुलकर सामने आई है, जिसमें बीएमजे जर्नल (BMJ Journal) में प्रकाशित इस रिसर्च में बताया गया है। इस रिसर्च की मानें, तो प्रोसेस्ड फूड हार्ट डिजीज, डायबिटीज समेत लगभग 32 बीमारियों के जोखिम से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा और भी कई बातें बताई गई है।
क्या है प्रोसेस्ड फूड ?
प्रोसेस्ड फूड का मतलब है बना बनाया खाना, जिन्हें आप घर पर नहीं बनाते हैं और इन्हें एक अलग टाइप से प्रोसेस्ड किया जाता है। इनमें कई तरह के इंग्रीडिएंट्स मिक्स किए जाते हैं, जो उनकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही इनमें टेस्ट के लिए जैसे अजीनोमोटो (AJINOMOTO) मिलाया जाता है, जैसे कि ये फास्ट फूड्स, आइसक्रीम, सॉस, ब्रेड, कुछ तरह के अनाज, बिस्किट, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, इंस्टेंट सूप और व्हिस्की और रम के साथ-साथ कुछ ऐसे ही प्रकार के ड्रिंक्स होते हैं।
रिसर्च क्या कहती है?
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस और आयरलैंड के रिसर्चर की एक अंतरराष्ट्रीय टीम को इस बात के एविडेंस मिले कि प्रोसेस्ड फूड खाने से हार्ट डिजीज से जुड़ी मृत्यु के खतरे को 50% तक बढ़ता है। इसके अलावा एंग्जायटी, मूड स्विंग्स जैसे कुछ मेंटल डिसऑर्डर और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 12% तक बढ़ा सकते हैं। BMJ Journal के द्वारा प्रकाशित निष्कर्ष में लगभग 10 मिलियन पार्टिसिपेंट्स से जुड़े 14 रिव्यू में से 45 अलग-अलग किए गए रिव्यू पर बेस्ड हैं।
32 गंभीर बीमारियों का खतरा
टीम को ऐसे चीजें भी मिली हैं, जो बताती हैं कि ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाने से किसी भी वजह से मौत का 21% ज्यादा खतरे से जुड़ा था, हार्ट डिजीज से जुड़ी मौत, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और 40-66% के बढ़ने का खतरा था। नींद की समस्या और डिप्रेशन का खतरा 22% बढ़ गया है।
इतना ही नहीं स्टडी ये भी कहती है कि ये अलग-अलग 32 बीमारियों का खतरा बढ़ता है, जिनमें कैंसर, सांस से जुड़ी बीमारियां, कार्ड वैस्कुलर हेल्थ, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की बीमारी और कई तरह की मेटाबोलिज्म से जुड़ी बीमारियां हैं। इसके अलावा मोटापा, स्किन और डिप्रेशन जैसी बीमारियों की वजह बन सकता है।
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Disclaimer: उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।