होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

कहीं साइकोपैथ तो नहीं हैं आप? रिसर्चर्स का दावा- इन 2 उंगलियों की लंबाई से चल जाएगा पता

Psychopath Fingers Length Test: एक रिसर्च में लोगों की हाथ की उंगलियों का अध्ययन किया गया। इसके निष्कर्ष ने चौंकाने वाले नतीजे दिए हैं।
07:16 PM Jan 16, 2024 IST | Pushpendra Sharma
Psychopath Fingers Length Test: एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
Advertisement

Psychopath Fingers Length Test: दुनियाभर में कई लोग मनोरोग से जूझ रहे हैं। मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन की वजह से मनोविकार पैदा होते हैं। हालांकि कई बार लोगों को खुद ही पता नहीं चल पाता कि वे कब इसके शिकार होकर साइकोपैथ बन चुके होते हैं।

Advertisement

यही कारण है कि बहुत कम लोग डॉक्टर्स के पास कंसल्ट करने जाते हैं। दुनियाभर के रिसर्चर्स मनोरोग के कारणों पर काम कर रहे हैं। अब रिसर्चर्स ने एक ऐसा तरीका ईजाद किया है, जिससे चुटकियों में पता चल जाएगा कि कोई व्यक्ति साइकोपैथ है या नहीं। खास बात यह है कि इसे हाथ की उंगलियों से पहचाना जा सकता है।

अनामिका उंगली तर्जनी उंगली से ज्यादा बड़ी होने पर संभावना 

क्यूबेक में सेंटर डी रेचेर्चे चार्ल्स-ले मोयने के शोधकर्ताओं ने चौंकाने वाला दावा किया है। रिसर्च में दावा किया गया है कि जिन लोगों की रिंग फिंगर यानी अनामिका उंगली, तर्जनी उंगली से ज्यादा बड़ी होती है, उनमें मनोरोगी प्रवृत्ति होने की संभावना ज्यादा होती है।

Advertisement

स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने 80 लोगों का विश्लेषण किया। उनके हाथों की उंगलियों का विश्लेषण करने से पता चला कि 44 प्रतिभागियों में एम्फ़ैटेमिन यूज डिसऑर्डर (AUD) और एंटी सोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (ASPD) था। जबकि 36 लोग स्वस्थ थे।

जर्नल ऑफ साइकिएट्रिक रिसर्च में सामने आया है कि इस तरह के व्यवहार वाले लोगों को सामाजिक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोग समाज के लिए समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं।

बायोलॉजिकल हो सकते हैं इस तरह के व्यवहार

वैज्ञानिकों ने ये भी कहा है कि इस तरह के व्यवहार बायोलॉजिकल हो सकते हैं। दुनियाभर के शोधकर्ताओं का मानना है कि मनोरोग में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। कहा ये भी जा रहा है कि दुनिया की 50 फीसदी आबादी में 75 साल की उम्र तक मानसिक विकार का जोखिम हो सकता है।

Disclaimer: इसमें दी गई जानकारी पाठक खुद पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें- कार या बस में बैठते ही होती है आपको बैचेनी? 

ये भी पढ़ें- क्या सीढ़ियां चढ़ने से कम होता है वजन, क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट 

Open in App
Advertisement
Tags :
healthPsychopath
Advertisement
Advertisement