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कैंसर वाले इस केमिकल का मसालों में क्यों होता है इस्तेमाल? अब विदेश भेजने से पहले होगी जांच

Why Ethylene Oxide is Used in Spices : भारतीय मसालों में एथिलीन ऑक्साइड पर मचा बवाल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब सवाल उठता है कि आखिर इसे मसालों में मिलाया ही क्यों जाता है? वहीं दूसरी ओर सरकार ने सिंगापुर और हांगकांग को मसालों को लेकर राहत दी है।
12:29 PM May 04, 2024 IST | Rajesh Bharti
मसालों पर आंच
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Why Ethylene Oxide is Used in Spices : सिंगापुर और हांगकांग समेत कई देशों के निशाने पर MDH और Everest के मसालों को लेकर कई तरह की बहस छिड़ गई है। इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ETO) तय मात्रा से ज्यादा पाया गया था। एथिलीन ऑक्साइड कीटनाशक केमिकल है जिससे कैंसर होने का खतरा रहता है। काफी लोगों का कहना है कि आखिर इन मसालों में यह केमिकल मिलाया ही क्यों जाता है? वहीं इसी बीच सरकार ने सिंगापुर और हांगकाग को राहत दी है। इन देशों में भारतीय मसाले बिना जांच के नहीं भेजे जाएंगे।

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इसलिए होता है ETO इस्तेमाल

सभी मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ETO) का इस्तेमाल होता है। यह एक ऐसी गैस होती है जिसका न तो कोई रंग होता है और न ही इसमें से किसी भी प्रकार की गंध आती है। यह ज्वलनशील होती है। इसका इस्तेमाल खेती में कीटनाशक के रूप में होता है। मसालों में इसका इस्तेमाल मसालों की गंध कम करने और इन्हें स्टेरलाइजिंग एजेंट यानी हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं इसके इस्तेमाल से मसाले ज्यादा समय तक खराब नहीं होते।

Ethylene Oxide का इस्तेमाल कीटनाशक के रूप में होता है

क्यों है खतरनाक

इसे एक तय मात्रा तक ही इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर इसे ज्यादा इस्तेमाल करें तो इससे कैंसर भी हो सकता है। सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है। यही नहीं, इससे DNA, ब्रेन और नर्व्स सिस्टम भी डैमेज हो सकता है। साथ ही आंखों में जलन, स्कीन और सांस संबंधी बीमारी भी हो सकती है। साथ ही इससे संपर्क में आने से लिम्फोमा और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर का खतरा बढ़ता है।

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अब बिना जांच के विदेश नहीं भेजे जाएंगे मसाले

सिंगापुर और हांगकांग भेजे जाने वाले MDH और एवरेस्ट समेत सभी मसाले अब बिना जांच के नहीं भेजे जा सकेंगे। भारत के स्पाइसेज बोर्ड ने इन देशों को निर्यात होने वाले मसालों की टेस्टिंग के बारे में निर्देश जारी किया है। इन दोनों देशों को जो मसाले भेजे जाएंगे, 6 मई से उनमें एथिलीन ऑक्साइड की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। स्पाइसेज बोर्ड से इस बारे में सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही इन दोनों देशों को मसाले भेजे जाएंगे। सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब MDH और एवरेस्ट के मसालों को लेकर दुनियाभर में भारतीय मसालों पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में FSSAI ने भी भारत की सभी मसाला कंपनियों को भी जांच के घेरे में लिया है।

यह भी पढ़ें : एक्शन मोड में FSSAI; सभी मसाला कंपनियों में होगी क्वॉलिटी जांच, MDH-Everest पर उठे थे सवाल

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Tags :
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