खुशबू वाले सेनेटरी पैड सेहत के लिए खतरनाक, एक्सपर्ट ने कहा- इन्फेक्शन के साथ हो सकती है यह जानलेवा बीमारी
Replace Organic Pads Instead Of Scented Sanitary Pads : पीरियड्स को लेकर महिलाओं में कई तरह की बातें होती रहती हैं। मार्केट इन बातों को भुनाता है और महिलाओं के लिए कुछ नया लेकर आता है। परेशानी तब आती है जब इस 'नए' के चक्कर में सेहत से खिलवाड़ शुरू हो जाता है। ऐसी ही चीजें सामने आ रही हैं खुशबू वाले सेनेटरी पैड्स के साथ। इन दिनों काफी युवतियां पीरियड्स के दौरान इन पैड्स का इस्तेमाल करती हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि इन पैड्स के इस्तेमाल से कई तरह के इन्फेक्शन हो सकते हैं। यही नहीं, इनके लगातार इस्तेमाल से जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।
केमिकल की भरमार
महिलाओं की हाइजीन और वेलनेस से जुड़े ब्रांड Revaa के फाउंडर और सीईओ महिपाल सिंह बताते हैं कि इन खुशबू वाले सेनेटरी पैड्स में काफी मात्रा में केमिकल होते हैं। दरअसल, यह खुशबू ही केमिकल के जरिए पैदा होती है। ऐसे में जब इन्हें इस्तेमाल किया जाता है तो ये केमिकल महिलाओं के प्राइवेट पार्ट से टच होते हुए शरीर में चले जाते हैं जिससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। वहीं सीनियर गयनेकोलॉजिस्ट डॉ. करिश्मा भाटिया बताती हैं कि खुशबू वाले पैड्स में डाइऑक्सीन नाम के केमिकल का इस्तेमाल होता है जो बेहद खतरनाक होता है।
एक्सपर्ट खुशबू वाले सेनेटरी पैड के इस्तेमाल से दूर रहने की सलाह देते हैं।
देर तक रहता है संपर्क
डॉ. करिश्मा भाटिया के अनुसार किसी भी प्रकार के पैड को महिलाएं कम से कम 4 से 6 घंटे लगाकर रखती हैं। अगर खुशबू वाला पैड लगा रखा है तो इसमें मौजूद केमिकल ब्लड के जरिए प्राइवेट के टच में काफी देर तक रहता है। ऐसे में केमिकल को शरीर में पहुंचने का काफी समय मिल जाता है। चूंकि प्राइवेट पार्ट की स्किन काफी संवेदनशील होती है। ऐसे में पैड में मौजूद केमिकल तेजी से रिएक्ट करते हैं।
...तो इस्तेमाल कर दें बंद
एक्सपर्ट का कहना है कि इन खुशबू वाले सेरेटरी पैड्स के इस्तेमाल से अगर किसी भी तरह की परेशानी जैसे प्राइवेट पार्ट के पास खुजली होना, चकत्ते बनना या किसी और प्रकार की एलर्जी हो तो इसका इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर की सलाह लें।
बिगड़ जाता है pH लेवल
महिपाल बताते हैं कि महिलाओं के प्राइवेट पार्ट का एक pH लेवल होता है जो उसे इन्फेक्शन से फ्री रखता है। पीरियड्स के दौरान भी यह pH लेवल बना रहता है। अगर महिला खुशबू वाले पैड्स का इस्तेमाल करती है तो इससे प्राइवेट पार्ट का pH लेवल गड़बड़ हो जाता है। इसके गड़बड़ होने से शरीर के हॉर्मोन में बदलाव आता है, जिससे महिला को ये परेशानियां हो सकती हैं:
- वजाइनल इन्फेक्शन
- रेशेज। इसके कारण प्राइवेट पार्ट के पास लगातार खुजली होती रहती है।
- यीस्ट इन्फेक्शन
कैंसर भी हो सकता है
खुशबू वाले पैड्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से शरीर में जो हॉर्मोनल बदलाव आते हैं, उससे बॉडी अलग तरह से रिएक्ट करना शुरू करती है। इससे महिला को कैंसर भी हो सकता है।
महिलाओं में जागरूकता की कमी
महिपाल बताते हैं कि खुशबू वाले पैड का चलन महिलाओं की जारूकता की कमी से बढ़ा है। दरअसल, नई पीढ़ी की युवतियों को पीरियड्स के दौरान ब्लड से बदबू आती है। साथ ही उन्हें पीरियड्स में ऑफिस जाना होता है या दूसरे काम करने पड़ते हैं। ऐसे में इन्हें लगता है कि पीरियड्स के दौरान खुशबू वाले पैड्स पहनने से इस बदबू से निजात मिल जाती है।
पैड्स के इस्तेमाल में ये रखें सावधानी
- किसी भी प्रकार के पैड को 4 से 6 घंटे से ज्यादा लगाकर न रखें।
- रात को बीच में उठकर पैड जरूर बदल लें, चाहे वह भरा हो या नहीं।
- पैड में ब्लड ज्यादा बेशक न आया हो, फिर भी इसे पूरे दिन लगाकर न रखें।
दूसरे विकल्प कर करें इस्तेमाल
मार्केट में इन दिनों मेंस्ट्रुअल कप, हर्बल या ऑर्गेनिक पैड्स और रीयूजेबल पैड्स मौजूद हैं। इन्हें इस्तेमाल करने से साधारण पैड्स के मुकाबले कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। हालांकि इनके भी कुछ दुष्परिणाम हो सकते हैं। बेहतर जानकारी के लिए किसी गयनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।