एंटीबायोटिक्स लेने के 3 बड़े नुकसान, कई अंगों और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक!

Side Effects of Antibiotics: बैक्टीरियल इंफेक्शन को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाओं की डोज बढ़ाना या फिर उसे सही खुराक या निर्धारित समय की जानकारी के बगैर लेना शरीर को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बना देता है। क्या आप जानते हैं कि यह गोलियां आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं?

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Antibiotic side effects

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Side Effects of Antibiotics: एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन आजकल काफी बढ़ गया है। इनका सेवन आपको वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है, लेकिन इसका असीमित इनटेक आपके लिए नुकसानदायक भी होता है। एंटीबायोटिक्स को बुखार, सर्दी-जुकाम होते ही लोग खा लेते हैं, जो सही तरीका नहीं है। ऐसा करने से शरीर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट हो जाता है। हालांकि इसमें कोई गलत बात नहीं है कि यह बैक्टीरियल इंफेक्शन को खत्म कर सकता है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इन मेडिसिन का सेवन नहीं करना चाहिए। यह आपकी इम्यूनिटी से लेकर पाचन क्रिया को बाधित कर सकता है। आइए इसके नुकसान जानते हैं...

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बॉडी क्या है?

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस उस स्थिति को कहते हैं, जब एंटीबायोटिक्स का सेवन करने के बावजूद वह शरीर पर बेअसर होने लगती हैं। बिना पूरी जानकारी और शरीर की जरूरत के एंटीबायोटिक्स का सेवन शरीर को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बना देता है। डॉक्टर के अनुसार दवा न लेने से या फिर अधूरा कोर्स करने पर समस्याएं होती हैं। कुछ लोगों की आदत होती है, जैसे ही वह थोड़ा ठीक होने लगते हैं, दवाओं का सेवन बंद कर देते हैं। इस कारण वे बार-बार बीमार पड़ते हैं। एक समय के बाद हैवी डोज वाली एंटीबायोटिक भी काम नहीं कर पाती है।

Antibiotic Side Effects

कमजोर इम्यूनिटी

एंटीबायोटिक 3 प्रकार के होते हैं- एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंग्ल और एंटीवायरल। जो लोग इन एंटीबायोटिक्स को अपनी मर्जी के हिसाब से बेधड़क खाते रहते हैं, उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति में उनका शरीर खुद से किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम नहीं रह जाता है। इन लोगों को लगातार मौसमी बीमारियां होने का भी खतरा लगा रहता है।

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डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स

ज्यादा एंटीबायोटिक दवाएं खाने से इम्यूनिटी कमजोर होती है। इससे सबसे ज्यादा असर पाचन पर पड़ता है। एंटीबायोटिक पेट के अंदर सूजन, अपच, गैस की समस्या पैदा करती है। एंटीबायोटिक की डोज हैवी होती है, इससे कुछ लोगों को कब्ज और डायरिया की समस्या भी होती है।

यीस्ट इंफेक्शन की समस्या

यीस्ट इंफेक्शन ऐसा इंफेक्शन है, जो शरीर के ऐसे अंगों पर होता है, जो संवेदनशील होते हैं। जैसे घुटनों के बीच, जांघों के पास, प्राइवेट एरिया तथा ब्रेस्ट के नीचे होता है। यीस्ट इंफेक्शन से लड़ना काफी कठिन होता है। इससे राहत पाने के लिए एंटीबायोटिक लेनी पड़ती है, मगर जब आपका शरीर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट हो जाता है तो वे गोलियां असर नहीं दिखा पाती हैं।

एंटीबायोटिक लेने का सही तरीका क्या है?

  • एंटीबायोटिक गोलियां आवश्यक्तानुसार लेनी चाहिए।
  • बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एंटीबायोटिक्स दवाओं का एक पूरा कोर्स होता है, जिसे आपको पूरा करना चाहिए।
  • एंटीबायोटिक्स दवा की बजाय एंटीबायोटिक वैक्सीन लगवाएं, यह आपकी इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें।News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

 

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