तनाव में होने से क्या सच में लगती है ज्यादा भूख! घेर सकती हैं ये बीमारियां, ऐसे करें मैनेज
Stress Eating Habit: स्ट्रेस से दूर रहने आज के समय में किसी बड़ी जीत से बढ़कर नहीं है। मगर वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि चिंता है, तो भी आप अपनी जिंदगी में खुश हैं क्योंकि स्ट्रेस का मतलब यह भी है कि आप व्यस्त हैं और मेहनत कर रहे हैं। कभी आपने सोचा है कि हम जब भी किसी तनावपूर्ण स्थिति में रहते हैं, तो उस वक्त हमें अच्छा-अच्छा भोजन खाने का मन क्यों करता है? क्यों हमें स्ट्रेस में रहने पर ज्यादा फूड क्रेविंग्स होती है, जैसे कुछ लोगों को मूड ऑफ या किसी उलझन भरी सिचुएशन में हमेशा मीठा खाने का मन करता है। वहीं, किसी को गुस्से या रोने का मन होता है, तो वह तीखा या मसालेदार खाने के लिए क्रेव करता है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों हमें तनाव के समय ही ईटिंग क्रेविंग्स होती है? चलिए जानते हैं।
स्ट्रेस से फूड क्रेविंग्स का संबंध
स्ट्रेस के दौरान शरीर में कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों पर असर डालता है। यह हार्मोन न केवल तनाव को बैलेंस करता है, बल्कि इससे खाने की इच्छा भी बढ़ती है। खासकर ऐसे फूड्स, जो आपको इंस्टेंट खुशी दे सकें, जैसे चॉकलेट और जंक फूड। इंडिया डॉट कॉम में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके 3 प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
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1. तनाव में खाना- दरअसल, ऐसा तब होता है जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारा न्यूरोट्रांसमीटर खुशी को ढूंढने के लिए अलग-अलग प्रयास करता है, इन प्रयासों में सबसे पहले खाना ही आता है, जो हमें या किसी को भी अचानक खुशी दे सकता है। साथ ही, अगर हम किसी स्ट्रेसफुल सिचुएशन में कोई ऐसा व्यंजन खाएंगे, जो हमें पसंद है, तो आप कुछ समय के लिए अपनी पुरानी स्थिति से बाहर निकल जाएंगे और खुशी महसूस करेंगे।
2. हार्मोन डिसबैलेंस- स्ट्रेस होना भी एक हार्मोन का उतार-चढ़ाव होता है। तनाव में कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज होता है, जो भूख पर भी नियंत्रण नहीं रख पाता है। इस हार्मोन के इंबैलेंस होने से ही दिमाग अच्छी या फिर जंक फूड खाने की तलाश करता रहता है। इस स्थिति में हम कुछ और खाते हैं, तो वह भोजन हमें संतुष्टि प्रदान नहीं करता है। इसलिए, हम उन अनहेल्दी फूड्स का सेवन इतना कर लेते हैं कि वजन बढ़ने समेत कोलेस्ट्रॉल और बीपी की समस्याएं भी आपको घेर लेती हैं।
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3. एपेटाइट पर असर- तनाव से हमारी भूख पर भी असर पड़ता है। स्ट्रेस से भूख और पाचन क्रियाएं प्रभावित होती हैं, जिससे ब्लोटिंग, इनडाइजेशन और अपच की समस्याएं बढ़ती हैं। तनाव के कारण, जो भूख लगती है उसमें खाया हुआ भोजन सीने में जलन के साथ IBS की बीमारी होने का रिस्क भी बढ़ता है।
स्ट्रेस इटिंग के नुकसान
- ऐसा करने से हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ता है।
- तनाव में भोजन करने सें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है।
- तनाव में खाना खाने से वजन भी बढ़ता है।
- डायबिटीज की बीमारी के लिए भी यह एक कारण हो सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल असंतुलन भी स्ट्रेस इटिंग का कारण है।
कैसे मैनेज करें स्ट्रेस और इटिंग हैबिट?
- रोजाना की जीवनशैली में कुछ बदलाव करें।
- अच्छा और संतुलित भोजन करें।
- भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
- पर्याप्त नींद लें।
- स्ट्रेस कम करने के लिए डेली रूटीन में कुछ पसंद की एक्टिविटीज को शामिल करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।