पेट के निचले हिस्से में रहता है दर्द तो हो जाएं सावधान, कराना पड़ सकता है ऑपरेशन
Health Tips : कई बार भागते-दौड़ते या उठते-बैठते पेट के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है। यह दर्द प्राइवेट पार्ट के आसपास होता है। कई बार दर्द इतना बढ़ जाता है कि चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। यह दर्द किसी भी प्रकार का हो सकता है लेकिन हम जिस दर्द की बात कर रहे हैं, वह है हर्निया का दर्द। जब हर्निया का दर्द होता है तो दर्द वाली जगह पर उभार आ सकता है।
क्या है हर्निया
शरीर के अंदर के अंग जैसे छोटी आंत, बड़ी आंत आदि मांसपेशियों के कारण अपनी जगह पर रहते हैं। किसी कारण से जब मांसपेशियां कमजोर होकर फट जाती हैं या उनमें छेद हो जाता है तो उसके अंदर से आंत बाहर आ जाती है। यहां ध्यान दें कि आंत स्कीन के अंदर ही रहती है। स्कीन से बाहर नहीं आती, मांसपेशियों से बाहर आती है। शुरू में तो कई बार इसका पता ही नहीं चलता है। बाद में उस जगह दर्द होता है। जब वह शख्स लेट जाता है तो वह आंत अंदर अपनी जगह चली जाती है। आंतों का मांसपेशियों से बाहर आना ही हर्निया कहलाता है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह बीमारी ज्यादा होती है। इसका एकमात्र इलाज ऑपरेशन यानी सर्जरी ही है।
ये हैं हर्निया के लक्षण
- शरीर के जिस हिस्से में मांसपेशियों से आंत बाहर आती है, वह हिस्सा उभरा हुआ दिखाई देता है।
- उभरे हुए हिस्से पर दर्द होने लगता है। चलने-फिरने, दौड़ने, कूदने, खांसने, छींकने आदि में यह दर्द बढ़ जाता है। यही नहीं, भारी सामान उठाने या जिम में हैवी एक्सरसाइज करने पर भी यह दर्द बढ़ जाता है।
- बहुत तेज हंसने पर भी दर्द होने लगता है।
- अगर ज्यादा देर तक खड़ा होना पड़े तो भी दर्द होने लगता है।
- टॉयलेट करते समय भी दर्द हो सकता है।
- उभरे हुए हिस्से को छूने या दबाने से भी दर्द होने लगता है।
ये हैं हर्निया के प्रमुख कारण
- मांसपेशियों के कमजोर होने से।
- मोटापा बढ़ने से।
- पुरानी कब्ज होने से।
- लगातार ज्यादा वजन उठाने से।
- जल्दी-जल्दी प्रेग्नेंट होने से।
- पुरानी खांसी होने से।
हर्निया के दर्द को अनदेखा न करें
इस तरह से करें कन्फर्म
ऊपर हर्निया के जो लक्षण बताएं हैं, वे किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं। हर्निया के बारे में कन्फर्म करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहते हैं। हालांकि अगर दर्द वाले हिस्से पर बड़ा उभार है या वह हिस्सा लटका हुआ है तो यह हर्निया ही होगा। ऐसे में हो सकता है कि डॉक्टर कोई टेस्ट ही न कराए और मरीज को सीधे सर्जरी के लिए कह दे। वैसे हर्निया का एकमात्र इलाज सर्जरी ही है।
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बहुत छोटा ऑपरेशन
हर्निया के आधार पर यह सर्जरी बहुत छोटी भी हो सकती है। ऐसी सर्जरी के अमूमन 1 दिन बाद ही डॉक्टर मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे देते हैं। कुछ सावधानियों के साथ मरीज 1 हफ्ते बाद ही अपना सामान्य रुटीन शुरू कर देता है। अगर हर्निया बड़ा है तो हो सकता है कि अस्पताल से 3-4 दिनों में छुट्टी मिले।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।