Testicular Cancer की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं 15 से 35 साल के युवा, जानें लक्षण
Testicular Cancer Risk In Young Men: कैंसर की बीमारी बहुत घातक होती है और जिसे होती है, उसका जीवन अंधकारमय बन जाता है। आपने कई तरह के कैंसर के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन आपने कभी टेस्टिकुलर कैंसर के बारे में सुना है, नहीं न! तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या है ये टेस्टिकुलर कैंसर की बीमारी, जिससे 40-45 साल के पुरुषों को ज्यादा खतरा रहता है। टेस्टिकुलर कैंसर पुरुषों के अंडकोष (Testicles) में होने वाले कैंसर को बोलते हैं।
इस बात को सभी अच्छे से जानते हैं कि एक पुरुष के लिए टेस्टिस यानी अंडकोष कितना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यही अंडकोष पुरुषों में सेक्शुअल हार्मोन बनाता है और स्पर्म का प्रोडक्शन भी करता है। इसका मतलब है कि अगर पुरुषों के अंडकोष में कोई समस्या आती है, तो उसकी सेक्शुअल लाइफ पर इसका बुरा असर पड़ता है, जिन लोगों के अंडकोष का साइज एब्नॉर्मल होता है, उन पुरुषों में अंडकोष के कैंसर का खतरा ज्यादा पाया जाता है। ये कैंसर अनहेल्दी फूड, खराब जीवनशैली, स्मोकिंग, शराब का सेवन करने से इस कैंसर का खतरा युवाओं में ज्यादा देखने को मिलता है।
टेस्टिकुलर कैंसर क्या है?
टेस्टिकुलर कैंसर तब होता है जब अंडकोष में असामान्य सेल्स डिवाइड होने लगती हैं और अनकंट्रोल्ड होकर बढ़ने लगती हैं। अंडकोष पुरुष रिप्रोडक्टिव सिस्टम का हिस्सा है।
किन लोगों को खतरा
टेस्टिकुलर कैंसर का जोखिम सबसे ज्यादा युवाओं में होता है। आमतौर पर टेस्टिकुलर कैंसर 40 से 45 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा पाया जाता है। जबकि, ऐसा भी देखा गया है कि इसकी चपेट में 15 से 35 साल के युवा भी आ रहे हैं।
टेस्टिकुलर कैंसर के लक्षण
- दोनों अंडों का आपस में छोटा या बड़ा दिखना।
- अंडकोष का भारी महसूस करना।
- पेट के निचले लेयर में दर्द महसूस करना।
- अंडकोष में पानी का भर जाना।
- अंडकोष को टच करने से या कपड़े पहनने में दर्द महसूस होना।
- कमर और पीठ में लंबे समय से दर्द रहना।
- पुरुषों के ब्रेस्ट साइज का बढ़ना और हल्का दर्द होना।
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