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Urine Problems: घर पहुंचते ही पेशाब का लगे जोर तो न करें इग्नोर, ये इस बीमारी के लक्ष्ण

Urine Problems: कई बार हम जब कहीं बाहर से घर पहुंचते हैं तो तुरंत हमें पेशाब करने की इच्छा होती है। यह घटना सामान्य नहीं है, इसे लैचकी इनकॉनटिनेंस या लैचकी असंयम कहते हैं। इस समस्या से दुनियाभर के कई लोग प्रभावित होते हैं। यह एक यूरिनल प्रॉब्लम है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।
10:31 AM Feb 12, 2025 IST | Namrata Mohanty
urine problems  घर पहुंचते ही पेशाब का लगे जोर तो न करें इग्नोर  ये इस बीमारी के लक्ष्ण

Urine Problems: जब हम घर से बाहर कहीं होते हैं और फिर घर पहुंचते हैं तो तुरंत पेशाब आता है। ऐसा दुनिया के कई लोगों के साथ होता है, शायद आप भी उनमें से एक हो सकते हैं। हालांकि, अगर हमने लंबे समय से पेशाब नहीं किया होता है तो शायद पेशाब आ सकता है लेकिन हमेशा ऐसा होना सही नहीं होता है। पेशाब की इस समस्या को लैचकी इनकॉनटिनेंस कहते हैं। इसे लैचकी असंयम भी कहा जाता है। यह एक सिंड्रोम होता है, जिसे इन द डोर सिंड्रोम कहते हैं। हालांकि, यह कोई बीमारी नहीं है। आइए जानते हैं इस बारे में।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

डॉक्टर सुप्रिया पुराणिक, जो एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं बताती हैं, कि पेशाब को बिल्कुल भी कंट्रोल न करना सामान्य बात नहीं है। अगर आपको हंसते-खांसते या फिर तुरंत घर में प्रवेश करते ही पेशाब आता है, तो यह स्ट्रेस यूरिनरी इनकॉनटिनेंस होता है, जो कि एक यूरिन से संबंधित समस्या है। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि मानसिक विकार है। इसे लैचकी इनकॉनटिनेंस भी कहा जाता है।

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क्या है Latchkey Incontinence?

लैचकी इनकॉनटिनेंस ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को घर लौटते ही या दरवाजा खोलते ही पेशाब आने लगता है। यह समस्या आमतौर पर उन लोगों में देखी जाती है जो कि एक ही दिनचर्या को रोज फॉलो करते हैं और उसमें बदलाव नहीं करते हैं। डॉक्टर कहती हैं कि अगर आपको यह समस्या लगातार 8 दिनों तक चलती है, तो आपको डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। दरअसल, इसमें पेशाब के तेज आने वाली मनोस्थिति हमारे दिमाग को एक मैसेज भेजती रहती है कि आपको पेशाब जाना है। यह दिमाग को ट्रिगर करने वाली स्थिति होती है।

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किन्हें रहते हैं जोखिम?

  • इस समस्या का जोखिम कुछ लोगों पर अधिक होता है, जैसे कि आयु, 40 से अधिक उम्र के लोगों में यह समस्या होती है।
  • कब्ज से परेशान रहने वाले लोगों के साथ भी ऐसा होता है।
  • मेनोपोज के बाद महिलाओं में भी ऐसा होता है।
  • यूटीआई में भी यह सिंड्रोम होता है।

कैसे करें बचाव?

  • इसके लिए आपको कैफीन, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और मसालेदार भोजन के सेवन से बचना चाहिए।
  • पेशाब को होल्ड करके न रखें।
  • लिक्विड इनटेक शरीर की जरूरत के हिसाब से करें, न कि ज्यादा करें।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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