Vitamin-D की दवा भी जानलेवा! ओवरडोज से हुई बुजुर्ग की मौत, खाने से पहले देख लें NHS की एडवाइजरी
National Health Scheme guidelines for Vitamin D dosage: आमतौर पर लोगों में विटामिन-डी की कमी पाई जाती है, जिसे पूरा करने के लिए लोग विटामिन-डी की गोलियां खाते हैं। सूरज से किरणों से विटामिन-डी मिलता है। विटामिन-डी लेने से शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस की कमी नहीं होती। हड्डियां (Bones) मजबूत होती हैं। उनका स्ट्रक्चर भी मेंटेन रहता है। अंडे, मछली और फोर्टिफाइड मिल्क से भी विटामिन-डी की कमी पूरी होती है, लेकिन ज्यादातर लोग विटामिन-डी की गोलियां खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विटामिन-डी की गोलियां ज्यादा खाना भी खतरनाक है। इसके कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं। जान भी जा सकती है, नहीं तो पढ़ें यह रिपोर्ट...
ब्रिटेन में विटामिन-डी की ओवरडोज से मौत
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में विटामिन-डी की ओवरडोज से एक बुजुर्ग की मौत हो गई है। 89 वर्षीय डेविड मिचेनर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब सामने आई है, जिसमें उनकी मौत की वजह विटामिन-डी की दवाई की ओवरडोज बताई गई है। उनके शरीर में विटामिन-डी की खुराक तय मानकों से बहुत ज्यादा थी। रिटायर्ड बिजनेसमैन डेविड मिचेनर को पिछले साल मई 2023 में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके शरीर में विटामिन-डी का लेवल काफी ज्यादा था। वह हाइपर कैल्सीमिया से पीड़ित थे, जो बहुत ज्यादा विटामिन-डी लेने से होता है, इससे उनके दिल और गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया और 10 दिन के अंदर उनकी मौत हो गई।
मेडिसन की पैकेजिंग पर अलर्ट मैसेज देने की सलाह
रिपोर्ट के अनुसार, मामला सामने आने के बाद ब्रिटेन के सरे में रहने वाले एक कोरोनर जोनाथन स्टीवंस ने विटामिन-डी की दवाइयों की पैकेजिंग और इसे खाने के नियमों में बदलाव करने का आग्रह किया है। जोनाथन ने स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग एवं खाद्य मानक एजेंसी (FSA) दोनों से संपर्क किया है। उन्होंने विटामिन-डी की ओवरडोज लेने से होने वाले नुकसानों और दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त की और सुझाव दिया कि मेडिसन की पैकेजिंग पर अलर्ट मैसेज दिया जाना चाहिए, जैसे सिगरेट और तंबाकू के पैकेटों पर दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) ने भी विटामिन-डी की खुराक को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हुए हैं।
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NHS गाइडलाइन के अनुसार कितनी लेनी चाहिए डोज?
विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट के लेवल को बैलेंस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हड्डियों, दांतों, मांसपेशियों को हेल्दी बनाए रखने के लिए भी यह जरूरी है, लेकिन विटामिन-डी की खुराक के अत्यधिक सेवन से हाइपर कैल्सीमिया हो सकता है। जहां शरीर में अत्यधिक कैल्शियम जमा हो जाता है, वहां हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे किडनी और दिल को नुकसान पहुंचता है। इस खतरे को देखते हुए NHS की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य हो जाता है। NHS की गाइडलाइन के अनुसार, लोगों को प्रतिदिन मिनिमम 10 और मैक्सिमम 100 माइक्रोग्राम विटामिन-डी लेना चाहिए। वयस्कों, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और 11 से 17 साल की उम्र के बच्चों को प्रतिदिन विटामिन-डी की मात्रा 100 माइक्रोग्राम (4000 IU) से ज्यादा नहीं लेनी चाहिए।
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कैल्शियम का लेवल बढ़ने से नसों में खून जम गया था
1 से 10 साल की उम्र के बच्चों को प्रतिदिन 50 माइक्रोग्राम (2000 IU) से अधिक नहीं लेना चाहिए, जबकि 12 महीने से कम उम्र के शिशुओं को प्रति दिन 25 माइक्रोग्राम (1,000 IU) से अधिक विटामिन-डी नहीं दिया जाना चाहिए। मेडिकल इमरजेंसी में विटामिन-डी की कमी होने से इसके ज्यादा सेवन की आवश्यकता हो सकती है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक लेख के अनुसार, विटामिन-डी की मात्रा डेविड मिचेनर के शरीर में 380 माइक्रोग्राम थी। इस वजह से कैल्शियम का लेवल ज्यादा हो गया। उसकी धमनियों और नरम ऊतकों में रक्त का जमाव हो गया, जिससे उनके शरीर में रक्तप्रवाह नहीं हो पाया।
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