क्या है साड़ी कैंसर? महिलाएं ही नहीं पुरुषों के लिए भी है खतरा, जानें क्या कहते हैं डॉक्टर?
What is Saree Cancer: कैंसर की पहुंच दुनिया के हर देश में हो चुकी है। लंग कैंसर से लेकर ब्रेस्ट कैंसर और ब्रेन ट्यूमर जैसे कई तरह की कैंसर की बीमारियां काफी आम हो गई हैं। मगर क्या आपने साड़ी कैंसर के बारे में सुना है? जी हां, साड़ी पहनने से भी कैंसर होने की संभावना है। वैसे तो भारतीय सभ्यता में सदियों से महिलाओं के साड़ी पहनने की परंपरा रही है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि साड़ी कैंसर का शिकार सिर्फ महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष भी हो सकते हैं।
पुरुषों को क्यों है खतरा?
साड़ी कैंसर का कनेक्शन साड़ी से नहीं बल्कि साड़ी के नीचे पहनने वाले पेटिकोट से है। दरअसल 1945 में धोती कैंसर नामक शब्द सामने आया था, जिसके अनुसार कमर में टाइट धोती बांधने से कैंसर का खतरा रहता था। इसी तरह टाइट पेटिकोट या फिर टाइट जींस पहनने से भी कैंसर हो सकता है। हालांकि अच्छी बात ये है कि अन्य देशों की अपेक्षा भारत में साड़ी कैंसर के ज्यादा केस सामने नहीं आए हैं।
कैसे होता है साड़ी कैंसर?
2011 में आए जनरल ऑफ द इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक भारत में उस समय साड़ी कैंसर के दो केस थे। टाइट साड़ी बांधने की वजह से कमर की त्वचा में घाव हो जाता है, जिससे कैंसर होने का खतरा रहता है। साड़ी कैंसर को मेडिकल की भाषा में वेस्टलाइन कैंसर कहा जाता है। जो कि एक तरह का स्किन कैंसर ही है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
जानकारों की मानें तो टाइट पेटिकोट, साड़ी, धोती या जींस पहनने से क्रॉनिक इरिटेशन यानी जलन और खुजली शुरू होती है। वहीं ज्यादा देर तक टाइट ड्रेस पहनने से त्वचा में घाव बनता है और फिर साड़ी कैंसर हो सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार साड़ी कैंसर और स्किन कैंसर में ज्यादा अंतर नहीं है। हालांकि स्किन कैंसर त्वचा के किसी भी हिस्से में हो सकता है। मगर साड़ी कैंसर सिर्फ कमर में टाइट पेटिकोट, धोती या जींस पहनने से होता है।