चुनाव 2024खेलipl 2024वीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीipl 2023भारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

World Asthma Day: अस्थमा से जुड़ी इन 5 बीमारियों को न करें इग्नोर!

World Asthma Day 2024: अस्थमा या दमा के शुरुआती लक्षणों को साफ पता नहीं चलता है। क्योंकि इससे जुड़ी कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जो अस्थमा की समस्या से जुड़ी होती हैं और इसे और भी गंभीर बना सकती हैं।    
01:01 PM May 07, 2024 IST | Deepti Sharma
वर्ल्ड अस्थमा डे Image Credit: Freepik
Advertisement

World Asthma Day 2024: अस्थमा (Asthma) एक गंभीर बीमारी है जिसका कोई परमानेंट उपचार नहीं है। अस्थमा के मरीज को सांस लेने में काफी परेशानी होती है। यह बीमारी बहुत नॉर्मल है। इस विश्व अस्थमा दिवस अस्थमा के इफेक्ट्स और इससे जुड़े खतरों के बारे में जानकारी जरूरी है।

Advertisement

हालांकि, अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जो आम तौर पर अन्य बीमारियों के लक्षणों को बढ़ाती है और मैनेज करने को कठिन बनाती है। आइए जानें ये 7 बीमारियां हैं जो आमतौर पर अस्थमा से जुड़े हैं..

एलर्जिक राइनाइटिस 

आम तौर पर नाक से जुड़ी एलर्जी के रूप में जाना जाता है, एलर्जिक राइनाइटिस अस्थमा का एक आम है। दोनों कंडीशन में समान सूजन को ट्रिगर करते हैं, जैसे धूल के कण और पालतू जानवरों की रूसी आदि शामिल होती हैं। अस्थमा के साथ एलर्जिक राइनाइटिस का मैनेज करना जरूरी है।

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग 

अस्थमा और जीईआरडी आम तौर पर एक साथ होते हैं, रिफ्लक्स से अस्थमा के लक्षण पैदा होते हैं या मौजूदा अस्थमा बढ़ जाता है। पेट से एसिड रिफ्लक्स परेशान कर सकता है, जिसके बाद ब्रोन्को कंस्ट्रक्शन और खांसी हो सकती है। लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाओं के माध्यम से जीईआरडी को मैनेज करने से अस्थमा कंट्रोल करने में सुधार करने में काफी मदद मिल सकती है।

Advertisement

मोटापा

मोटापा अस्थमा के लिए एक रिस्क फैक्टर है, क्योंकि मोटापे से ग्रस्त लोगों में अस्थमा अधिक गंभीर होता है और उसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है। डाइट और एक्सरसाइज जैसी चीजों को करने से इस प्रकार के लोगों के लिए जरूरी है।

साइनसाइटिस

क्रोनिक साइनसाइटिस, कम से कम 12 सप्ताह तक चलने वाले साइनस की सूजन, आमतौर पर अस्थमा के साथ रहती है। साइनसाइटिस में अस्थमा के समान सूजन होती है और साइनस संक्रमण अस्थमा के लक्षणों को खराब कर सकता है। दवाओं के साथ साइनसाइटिस का इलाज करना या गंभीर मामलों में सर्जरी से अस्थमा कंट्रोल करने में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

चिंता और डिप्रेशन

अस्थमा चिंता और डिप्रेशन से जुड़ा हुआ है, जो बीमारियों को प्रभावित कर सकता है। न्यूरोएंडोक्राइन के माध्यम से साइकोलॉजिकल स्ट्रेस भी अस्थमा के लक्षणों को खराब कर सकता है।

ये भी पढ़ें-  टखनों में दर्द की समस्या अब नहीं करेगी परेशान? अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

Advertisement
Tags :
asthmahealth news
Advertisement
Advertisement