होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

दुकानों के बाहर लिखना होगा मालिक का नाम, BJP 'स्टेट' के बाद कांग्रेस सरकार का फरमान

Himachal News: उत्तर प्रदेश में दुकानों के बाहर मालिकों का नाम लगाने के आदेश दिए गए थे। यूपी की तर्ज पर ही अब देश के एक और राज्य ने ऐसा ही फरमान जारी किया है। जिसके बाद दुकानदारों के बीच हड़कंप मच गया है।
09:14 AM Sep 26, 2024 IST | Shabnaz
Advertisement

Himachal News: उत्तर प्रदेश सरकार के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी खाने-पीने की दुकानों के बाहर नाम लिखना होगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है। आदेश में सभी स्ट्रीट वेंडरों और खाने-पीने की दुकानों में मालिकों और स्टाफ सदस्यों का नाम बताना होगा। हिमाचल सरकार का ये कदम योगी आदित्यनाथ सरकार की नकल कहा जा रहा है। इसमें रेहड़ी वालों को भी पहचान के लिए नाम और आईडी दिखाना जरूरी होगा।

Advertisement

विक्रमादित्य सिंह ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश सरकार में होटलों का मालिकाना हक दिखाने के लिए आदेश जारी किए। इसके बाद हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। यह फैसला खाद्य सुरक्षा के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह घोषणा किए जाने का हवाला दिया कि भोजनालयों और खाद्य विक्रेताओं को स्वच्छता और गुणवत्ता के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें: SBI के लाखों खाताधारकों के लिए गुडन्यूज, ATM से पैसे निकालने को डेबिट कार्ड की जरूरत नहीं

पैनल का गठन किया गया

आदेश में कहा गया कि किसी भी खाद्य व्यवसाय के मालिकों को नाम लिखना इसलिए जरूरी होगा, ताकि उन्हें कुशलतापूर्वक ट्रैक किया जा सके। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के बारे में चिंताओं पर चर्चा करने के लिए विभाग और शिमला नगर निगम की मंगलवार को एक बैठक हुई। पहचान पत्र जारी करने के लिए एक स्ट्रीट-वेंडिंग पैनल का गठन किया गया है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण और अन्य विवरण देना जरूरी है।

Advertisement

विक्रमादित्य ने बताया कि पहले भी हिमाचल प्रदेश में ऐसे निर्णय लिए थे, लेकिन इन्हें हाई कोर्ट में खारिज कर दिया गया था। इसलिए, हम ऐसा कोई निर्णय नहीं लेना चाहते जो न्यायिक जांच के दायरे में आए।

आपको बता दें कि ये मामला शिमला के संजौली में एक मस्जिद के विवादित हिस्से को गिराने के लिए अभियान शुरू हुआ। इसके कारण स्ट्रीट वेंडिंग में शामिल बाहरी लोगों के पिछले रिकॉर्ड के सत्यापन की मांग की गई।

ये भी पढ़ें: यात्रीगण कृपया ध्यान दें! मुंबई में बारिश के चलते थमी ट्रेनों की रफ्तार, यहां देखें पूरी लिस्ट

Open in App
Advertisement
Tags :
Himachal NewsHimachal Pradesh newsShimla News
Advertisement
Advertisement