असली लेडी 'सिंघम' IPS Ilma Afroz कौन? न्यूयॉर्क की जॉब ठुकरा माफिया से लिया पंगा
IPS Ilma Afroz Profile: हिमाचल प्रदेश के बद्दी जिले की SP इल्मा अफरोज आजकल अपनी नियुक्त को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार, विधायक राम कुमार चौधरी और खनन माफिया से लोहा लिया है। IPS अफसर और कांग्रेस की सुक्खू सरकार के बीच छिड़ा विवाद हाईकोर्ट मे हैं।
हाईकोर्ट की बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इल्मा को बद्दी SP के पद पर बहाल कर दिया है। हाईकोर्ट की परमिशन के बिना उनका तबादला नहीं करने के आदेश सरकार को दिए हैं। इसी विवाद के चलते इल्मा अफरोज की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है तो आइए इस अफसर के बारे में जानते हैं, जिन्होंने कांग्रेस सरकार और खनन माफिया से लोहा लेने की हिम्मत दिखाई है।
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कौन हैं इल्मा अफरोज?
इल्मा 2018 बैच की अफसर हैं। वे उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के गांव कुंदरकी निवासी हैं। 14 साल उम्र थी, जब उनके पिता का निधन हो गया। इल्मा की स्कूल एजुकेशन मुरादाबाद में हुई। दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और स्कॉलरशिप ली। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से हायर एजुकेशन ली।
एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पेरिस गईं। न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में वॉलंटियरी सर्विस प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया। इस आधार पर इल्मा को न्यूयॉर्क की कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी ऑफर हुई, लेकिन इल्मा भारत लौट आईं। उन्होंने 2017 में UPSC क्रैक किया तो ऑल इंडिया रैंक 217 मिला। अगस्त 2018 में IPS सेलेक्ट होने पर उन्हें हिमाचल कैडर मिला।
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क्या है मामला?
दरअसल, इल्मा ने राम कुमार चौधरी की पत्नी की माइनिंग से जुड़ी गाड़ियों के चालान काटे। इससे विधायक नाराज हुए तो उन्होंने इल्मा को विधानसभा से विशेषाधिकार हनन का नोटिस भिजवा दिया। विधायक चौधरी ने इल्मा पर जासूसी करने का आरोप लगाया और इल्मा को शिमला हेड ऑफिस में ट्रांसफर करा दिया। 6 नवंबर को मुख्यमंत्री सुक्खू से DC-SP से मीटिंग के बाद इल्मा 7 नवंबर को अपनी मां को लेकर छुट्टी पर चली गईं।
बद्दी के SP के पद पर HPSḤ विनोद धीमान को नियुक्त कर दिया गया। इल्मा लौटकर आईं तो 17 दिसंबर को शिमला हेड ऑफिस में कार्यभार संभाला, लेकिन उन्हें कोई पोस्टिंग नहीं दी गई। फिर सुच्चा राम नामक शख्स ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका इल्मा के पक्ष में दायर की। इसमें इल्मा को बद्दी SP के पद पर बहाल करने की मांग की गई। याचिका में आरोप भी लगाया गया है कि अधिकारियों और राजनेताओं के दबाव में आकर इल्मा को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया।
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हाईकोर्ट ने दिए इल्मा की बहाली के आदेश
याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैध ने की। केस की अगली सुनवाई अब 28 फरवरी को होगी। बेंच ने सुक्खू सरकार को आदेश दिया कि अदालत की परमिशन के बिना इल्मा का तबादला नहीं किया जाएगा। बेंच ने इल्मा अफरोज को बद्दी जिले की पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर बहाल भी कर दिया है। अब इल्मा पद पर जॉइन करेंगी।
बेंच ने सरकार को यह आदेश भी दिया है कि अगर वह अपनी पसंद का SP चाहती है तो 3 अफसरों का पैनल हाईकोर्ट को सौंपे, जिसमें से मेरिट के आधार पर नया SP नियुक्त किया जाएगा। क्योंकि सरकार ने कोर्ट में पेश किए अपने जवाब में कहा है कि सरकार अपनी पसंद का SP चाहती है और इल्मा भी कह चुकी हैं कि वह बद्दी में काम नहीं करना चाहती, उनका तबादला किया जाए, जबकि इल्मा का कुछ और ही कहना है।