whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

गुड़िया रेप-मर्डर केस क्या? जिसके आरोपी की मौत मामले में हिमाचल के IG-DSP समेत 8 दोषी करार

Kotkhai Gudiya Rape Murder Case: शिमला के कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर केस के आरोपी की मौत मामले में 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया गया है। दोषियों में हिमाचल के IG और DSP स्तर के अधिकारी शामिल हैं। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?
09:10 AM Jan 19, 2025 IST | Khushbu Goyal
गुड़िया रेप मर्डर केस क्या  जिसके आरोपी की मौत मामले में हिमाचल के ig dsp समेत 8 दोषी करार
कोर्ट के फैसला सुनाते हुए दोषियों को हिरासत में ले लिया गया।

Kothkhai Gudia Rape Murder Case: साल 2017 में हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में हुआ गुड़िया मर्डर केस तो याद ही होगा। इस केस के आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इस मामले में चंडीगढ़ में CBI की विशेष अदालत ने उस समय हिमाचल के IG-DSP रहे अधिकारियों समेत 8 पुलिस कर्मियों को दोषी करार दिया है। वहीं एक SP को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

Advertisement

दोषियों को 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। दोषियों में IG रहे जहूर एच जैदी के अलावा ठियोग के DSP रहे मनोज जोशी, SI राजिंदर सिंह, ASI दीप चंद शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल, हेड कॉन्स्टेबल सूरत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रंजीत सटेटा शामिल हैं। तत्कालीन SP दांडू वांग्याल नेगी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

यह भी पढ़ें:आसाराम 11 साल बाद आएगा जेल से बाहर; जोधपुर में नाबालिग से रेप केस में हाईकोर्ट से मिली राहत

Advertisement

दोषी केस की जांच कर रही SIT में शामिल थे

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, 4 जुलाई 2017 को कोटखाई की 16 वर्षीय छात्रा स्कूल से लौटते समय गायब हो गई थी। 2 दिन तलाशने के बाद 6 जुलाई को तांदी के जंगल में लड़की का शव निर्वस्त्र हालत में बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। केस की जांच के लिए शिमला के तत्कालीन IG सैयद जहूर हैदर जैदी की अध्यक्षता में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की गई।

Advertisement

टीम ने एक युवक समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों में एक नेपाली युवक सूरज भी शामिल था, जिसे टॉर्चर करने के आरोप दोषियों पर लगे हैं, जिस वजह से उसकी मौत हो गई। उसकी डेड बॉडी पर 20 से ज्यादा चोट के निशान मिले। एम्स के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी टॉर्चर करने की भी पुष्टि हुई। सूरज की हत्या से आक्रोशित लोगों ने पुलिस थाने समेत कई गाड़ियां जला दी थीं। ठियोग थाने और सचिवालय पर भी पथराव हुआ।

यह भी पढ़ें:भीषण अग्निकांड में जिंदा जले 70 लोग, गैसोलीन टैंकर में भयंकर विस्फोट, नाइजीरिया में हुआ हादसा

SIT में शामिल अधिकारियों पर मर्डर केस दर्ज

रिपोर्ट के अनुसार, सूरज की मौत के बाद रेप मर्डर केस और सूरज की मौत का मामला CBI को सौंप दिया गया। CBI ने जांच और पूछताछ की तो पता चला कि सूरज को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया था। CBI की जांच रिपोर्ट के आधार पर CBI ने उस समय के IG जैदी समेत 9 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया।

IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने), 302 (हत्या करने), 330 (कबूलनामे के लिए चोट पहुंचाने), 348 (गलत तरीके से कैद करने), 195 (झूठे सबूत गढ़ने), 196 (झूठे सबूत का इस्तेमाल करने), 218 (सबूतों और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने) और 201 (सबूत नष्ट करने) के तहत केस दर्ज किया गया।

मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने केस को शिमला की जिला अदालत से चंडीगढ़ CBI कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। IG जैदी को हिमाचल की तत्कालीन सरकार ने 15 जनवरी 2020 को सस्पेंड कर दिया था, लेकिन 2023 में उनकी सेवाएं बहाल कर दी गई थीं। 7 साल बाद आरोपियों को सूरज की मौत मामले में दोषी करार दिया गया।

यह भी पढ़ें:बच्ची से गंदी चैट और अश्लील हरकतें; मदुरै में BJP पदाधिकारी गिरफ्तार, जानें क्या है मामला?

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो