दिल्ली में 15 अगस्त पर कौन फहराएगा तिरंगा? AAP के साथ घमासान के बीच LG ने चुन लिया नाम
Delhi Government vs LG Flag Hoist on 15 August: कुछ घंटे बाद देश में आजादी का पर्व मनाया जाएगा। हर बार की तरह इस बार भी लाल किले की प्राचीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा लहरा कर आजादी के महापर्व का शंखनाद करेंगे। हालांकि स्वतंत्रता दिवस को लेकर राजधानी दिल्ली में ही घमासान मच गया है। दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तिरंगा फहराने की होड़ लग गई है। हालांकि, अब एलजी ने फैसला ले लिया है कि इस मौके पर ध्वजारोहण कौन करेगा।
सीएम केजरीवाल ने जेल से लिखा पत्र
दरअसल 15 अगस्त के दिन छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली सरकार स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन करेगी। ऐसे में कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने दिल्ली सरकार में जल मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना को झंडा फहराने की अनुमति देने की मांग की थी।
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मुख्य सचिव ने दिया जवाब
हालांकि दिल्ली के मुख्य सचिव ने इस पत्र को अनऔपचारिक करार दिया है। मुख्य सचिव (GAD) ने अरविंद केजरीवाल के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से साफ है कि पत्र जेल के अंदर से लिखा गया है। यह कोई औपचारिक वार्ता का हिस्सा नहीं है। जेल में रहते हुए किसी भी तरह की लिखित और मौखिक मांग लीगल नहीं है। ऐसे में इस पर विचार नहीं किया जा सकता है। हालांकि इस पत्र को आगे भेजा गया है।
एलजी ने किस नेता को चुना?
इस विवाद के बीच दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने फैसला कर लिया है कि आजादी के मौके पर झंडा कौन लहराएगा। सक्सेना ने इसके लिए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को चुना है। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से गहलोत ध्वजारोहण करेंगे।
मनीष सिसोदिया का बयान
हाल ही में जमानत पर जेल से रिहा हुए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी इस बहस में कूद पड़े हैं। सिसोदिया का कहना है कि तिरंगा फहराने का अधिकार चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री या उसके मंत्री को होता है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि मेरे हिसाब से जनता के द्वारा चुनी गई सरकार को ही तिरंगा फहराना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई समस्या है। एक लोकतंत्र में LG का झंडा फहराना गलत होगा। यह सिर्फ तानाशाही में ही मुमकिन है।
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