अडानी फाउंडेशन ने तेलंगाना सीएम को सौंपा 100 करोड़ रुपये का चेक, यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए दी मदद
Adani Foundation: अडानी समूह की सीएसआर शाखा अडानी फाउंडेशन जनहित के कार्यों में बड़ा योगदान दे रही है। अडानी फाउंडेशन ने अब एक और बड़ा फैसला लिया है। फाउंडेशन ने यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए तेलंगाना को 100 करोड़ रुपये दान दिए हैं। शुक्रवार को इसका चेक सौंपा गया। तेलंगाना सीएमओ ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा- अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की और राज्य की कौशल विकास पहल के लिए मदद का आश्वासन दिया।
तेलंगाना सीएमओ ने किया पोस्ट
तेलंगाना सीएमओ ने एक्स पर पोस्ट में कहा- "अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के नेतृत्व में अडानी फाउंडेशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की और यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये का चेक सौंपा। अडानी ने कौशल विकास और युवाओं के सशक्तीकरण के लिए तेलंगाना राज्य सरकार की पहल के लिए निरंतर समर्थन का भी वादा किया।"
जल्द शुरू होंगी क्लासेज
तेलंगाना में यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी स्वास्थ्य सेवा के अलावा फार्मास्यूटिकल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित विभिन्न क्षेत्रों में कोर्स उपलब्ध कराएगी। जानकारी के अनुसार, यूनवर्सिटी में इस साल से ये करिकुलम पढ़ाना शुरू हो जाएगा। यूनिवर्सिटी ने घोषणा की है कि दशहरा उत्सव के बाद अक्टूबर में पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। कक्षाएं अस्थायी आधार पर इंजीनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (ईएससीआई) में शुरू की जाएंगी। सबसे पहले हेल्थकेयर, कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
जानी-मानी कंपनियां
जानकारी के अनुसार, फ्लिपकार्ट, अमेजन, अपोलो, एआईजी, लेंसकार्ट, ऑल कार्गो, प्रो कनेक्ट और ओ9 सॉल्यूशंस कंपनियां करिकुलम पेश करने और क्लासेज के लिए आगे आई हैं। बोर्ड ने पहले साल में 2000 युवाओं को ट्रेनिंग देने का भी निर्णय लिया।
आनंद महिंद्रा बोर्ड अध्यक्ष
जाने-माने उद्योगपति आनंद महिंद्रा यूनिवर्सिटी बोर्ड के अध्यक्ष हैं। इससे पहले सितंबर में सीएम रेड्डी ने उद्योगपतियों से भागीदार बनने और संस्थान के पूर्ण प्रबंधन के लिए एक कॉर्पस फंड बनाने का आग्रह किया था। उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं से विश्वविद्यालय भवनों और परिसर के निर्माण के लिए आगे आने का अनुरोध किया था। सरकार ने पहले ही विश्वविद्यालय के लिए 150 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है। इसके साथ ही 100 करोड़ रुपये निर्धारित कर दिए हैं।