BJP Rajya Sabha Seat: BJP Rajya Sabha Seat: राज्यसभा में BJP की 15 सीटें कम होने के क्या मायने? कैसा होगा असर
BJP Weakened in Rajya Sabha: लोकसभा चुनाव में 2024 में बीजेपी की सीटें 2019 की तुलना में घटकर 240 रह गई। 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी के पास 303 सीटें थीं। ऐसे में 2024 में मोदी सरकार अपने गठबंधन के सहयोगियों पर निर्भर है। जानकारी के अनुसार 240 सीटों वाली बीजेपी को इस बार सरकार बनाने के लिए जेडीयू 12 सांसद और टीडीपी 16 सांसद की मदद लेनी पड़ी। इस बीच राज्यसभा में भी एनडीए का संख्या बल कम हो गया है। इसकी वजह रिटायर हो रहे 4 मनोनीत सांसद है।
बता दें कि राज्यसभा में फिलहाल बीजेपी के पास 86 सांसद है। वहीं एनडीए की ताकत 101 है। इधर कांग्रेस लोकसभा के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद अपने कब्जे में करने के लिए जुट गई है। शनिवार को राकेश सिन्हा, राम सकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी रिटायर हो रहे हैं। ये सभी सांसद भाजपा के पक्ष में रहे थे। राज्यसभा सचिवालय के अनुसार 245 सदस्यों में से 19 सीटें अभी खाली हैं। ऐसे में राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या अभी 226 हैं।
बजट सत्र में कई बड़े बिल ला सकती है सरकार
मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में बिजली, यूसीसी, आईटी रिफाॅर्म जैसे कई बिल पारित कराना चाहती है। ऐसे में उसे राज्यसभा में भी बहुमत चाहिए। बिना बहुमत के ये सभी बिल पहले कार्यकाल की तरह लटक सकते हैं। फिलहाल एनडीए राज्यसभा में वाईएसआरसीपी, एआईएडीएमके और मनोनीत सांसदों के समर्थन पर निर्भर है। बता दें कि राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए 12 सदस्यों का मनोनयन करते हैं। इनमें से 5 सांसद ऐसे हैं जो बीजेपी के पक्ष में समर्थन करते हैं। जबकि 7 सांसद किसी भी गुट के समर्थन में नहीं है।
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10 सीटें पिछले महीने हुई खाली
बता दें कि राज्यसभा में अभी 19 सीटें खाली हैं। इनमें असम,बिहार और महाराष्ट्र में 2-2 और हरियाणा, तेलंगाना, एमपी, राजस्थान और त्रिुपरा में 1-1 सीट हैं। इनकी कुल संख्या 11 है। इन 11 में से 10 तो पिछले महीने खाली हुई हैं। क्योंकि कई सांसद लोकसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं। ऐसे में इन 11 में से 8 सीटें एनडीए को मिल सकती है। जबकि 3 सीटें इंडिया के खाते में जा सकती है।
बता दें कि राज्यसभा में किसी भी बिल को पारित कराने के लिए 123 सांसदों की जरूरत होती है। अभी राज्यसभा में पार्टी के पास 86 सांसद हैं। वहीं 19 सीटें खाली हैं। इनमें 7 सीटों का चुनाव मनोनयन के जरिए तो वहीं 12 सीटों पर चुनाव होना है।
नवीन पटनायक ने भी दिया झटका
उड़ीसा में बीजेपी की सरकार जाने के बाद से ही बीजेपी खुश भी है और दुखी है। क्योंकि नवीन पटनायक ने कह दिया है कि अब हमारी पार्टी राज्यसभा में हर बिल पर बीजेपी का साथ नहीं देगी। वह सोच समझकर ही निर्णय लेगी। हालांकि 2 साल बाद प्रदेश से बीजेपी के सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि राज्य में बीजेपी की विधायक संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि बीजेडी के राज्यसभा में 9 सदस्य हैं।
वाईएसआर कांग्रेस ने किया किनारा
वाईएसआर कांग्रेस के भी राज्यसभा में 11 सांसद हैं। जगनमोहन रेड्डी पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे इस बार राज्यसभा में मोदी सरकार का हर बिल पर समर्थन नहीं करेंगे। ऐसे में बिल पास कराने के लिए जरूरी संख्या के लिए बीजेपी छोटे-छोटे दलों से बातचीत करनी पड़ेगी। वहीं तमिलनाडु में कभी सहयोगी रही एआईएडीएमके भी इस बार बीजेपी के साथ नहीं है ऐसे में ऊपरी सदन में बीजेपी के लिए बिल पास कराना कठिन चुनौती साबित होगा।
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