क्या देसी नुस्खों से हो सकता है कैंसर का इलाज? सिद्धू के दावों पर एम्स के डॉक्टर ने खोला सच
Navjot Singh Sidhu Wife Cancer: हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी को लेकर दावा किया कि वह कैंसर फ्री हो गई हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने एक डाइट रुटीन फॉलो किया। जिससे उन्हें कैंसर के स्टेज 4 तक पहुंचने के बाद इससे जंग जीतने में मदद मिली। उनकी डाइट में नींबू पानी, अनार, आंवला, चुकंदर, खट्टे फल, जूस, कच्ची हल्दी, लहसुन, नीम की पत्तियां और तुलसी शामिल थी। वह मसालेदार चाय भी पीती थीं। उनका खाना नारियल, बादाम तेल और कोल्ड प्रेस्ड ऑयल में पकाया जाता था। सिद्धू के इन दावों के बाद कई लोगों ने देसी इलाज से कैंसर ठीक होने की बात की है। हालांकि टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल और एम्स दिल्ली के डॉक्टर ने इसका खंडन किया है।
गलत जानकारी जानलेवा!
दरअसल, दिल्ली एम्स के डॉक्टर दत्ता का कहना है कि कैंसर के उपचार के बारे में गलत जानकारी जानलेवा हो सकती है। उन्होंने एक्स पर लिखा- एक वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि कैंसर को भूखा रखकर और हल्दी जैसे आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है। इससे कई लोगों में झूठी उम्मीदें फैल रही हैं। भारत के अग्रणी ऑन्कोलॉजी सेंटर, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने अपने पत्र में इसका जोरदार खंडन किया है।
सोशल मीडिया से नहीं लें सलाह
डॉ. दत्ता का कहना है कि सिद्ध उपचार जैसे- सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी जीवन बचाते हैं। अप्रमाणित उपचारों के कारण होने वाली देरी से मरीज की जान जा सकती है। कृपया कैंसर विशेषज्ञों से सलाह लें, सोशल मीडिया से नहीं। हमें अपने जीवन को बचाने के लिए अर्ली डिटेक्शन पहचान और एविडेंस बेस्ड मेडिसन की आवश्यकता है।
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सी एस प्रमेश ने रखी बात
दूसरी ओर, टाटा मेमोरियल अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक सी एस प्रमेश ने भी सोशल मीडिया के जरिए इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने एक्स पर लिखा- एक पूर्व क्रिकेटर का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी पत्नी के स्तन कैंसर के इलाज के बारे में बता रहे हैं। वीडियो के कुछ हिस्सों में कहा गया है कि डेयरी उत्पाद और चीनी न खाकर, भूखे रहकर, हल्दी और नीम का सेवन करने से उनके असाध्य कैंसर को ठीक करने में मदद मिली।
उपचार में न करें देरी
प्रमेश ने आगे लिखा- इन कथनों का समर्थन करने के लिए कोई उच्च गुणवत्ता वाला सबूत नहीं है। इनमें से कुछ उत्पादों के लिए शोध जारी है। वर्तमान में इस तरह का कोई डेटा नहीं है। हम जनता से आग्रह करते हैं कि वे अप्रमाणित उपचारों का पालन करके अपने उपचार में देरी न करें, बल्कि अगर उन्हें कैंसर के कोई लक्षण हों, तो डॉक्टर और कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श लें। अगर समय रहते पता चल जाए तो कैंसर ठीक हो सकता है।
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