लाल डायरी, हैंड ग्रेनेड और पाकिस्तानी मार्किंग वाली नशीली दवा, एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों से क्या-क्या मिला?
Akhnoor Encounter: जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सेना ने तीन आंतकवादियों को ढेर कर दिया है। सोमवार को सेना के वाहन पर गोलीबारी के बाद सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर शुरू किया था। जबकि मंगलवार तक दो आतंकी जोगवान गांव में असन मंदिर के पास एनकाउंटर में मारे गए। बताया जा रहा है कि तीनों आतंकियों से सेना को कई महत्वपूर्ण चीजें बरामद हुई हैं। उनसे भारी मात्रा में गोला-बारूद रिकवर किया गया है। इस रिकवरी में M4 राइफल, AK-सीरीज की राइफल, हैंड ग्रेनेड, खाने-पीने का सामान मिला है। अलावा पाकिस्तानी मार्किंग वाली नशीला पदार्थ और दवाइयां भी मिली हैं।
लाल डायरी भी बरामद
कहा जा रहा है कि आतंकियों से एक लाल डायरी भी बरामद हुई है। जिसमें कई महत्वपूर्ण जगहों के नाम हैं। इस ऑपरेशन को लेकर मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि इसे 'ऑपरेशन Asan' नाम दिया गया था।
साइलेंट वॉरियर खोया
उन्होंने आगे बताया- अखनूर के बट्टल में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों का खात्मा किया। ये काफी क्लीन ऑपरेशन था। जिस मकसद के लिए आतंकी आए थे, वह पूरा नहीं हुआ। यह हमारी सेना के काफिले पर हमला करने के प्रयास में थे, लेकिन नाकाम रहे। इस ऑपरेशन के दौरान हमने अपना साइलेंट वॉरियर (डॉग) खोया है।
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50 से 60 आतंकी सक्रिय
आतंकी कॉम्बैट यूनिफॉर्म में आए थे। BMP 2 टैंक का भी इस ऑपरेशन में इस्तेमाल हुआ है। वहीं मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने कहा कि सीमा पर 50 से 60 आतंकी इस समय सक्रिय हैं। यह क्लीन ऑपरेशन था जिसमें हमें बड़ी कामयाबी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, इस ऑपरेशन में सेना ने टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया। जिससे आतंकियों की सही लोकेशन का पता लगाना आसान हो गया। सुरक्षा बलों ने ड्रोन से निगरानी कर दो आतंकवादियों की तस्वीरें ली हैं।
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घात लगाकर किया था हमला
बता दें कि 24 अक्टूबर को बारामूला के गुलमर्ग के पास सेना के वाहन पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया था। जिसमें दो जवान और दो कुली मारे गए थे। इससे पहले 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के सोनमर्ग में आतंकवादियों ने एक डॉक्टर और छह प्रवासी मजदूरों समेत सात लोगों की हत्या कर दी थी। इस घटना से दो दिन पहले बिहार के एक और प्रवासी मजदूर पर हमला हुआ था।