हे भगवान! अब अखनूर में आतंकी हमला; Indian Army की एंबुलेस पर बरसाई ताबड़तोड़ गोलियां, पढ़ें ताजा अपडेट
Akhnoor Terrorist Attack: जम्मू कश्मीर में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है। गांदरबल के बाद अखनूर में सेना के वाहन पर आतंकियों ने हमला किया। आर्मी की एंबुलेंस पर 4 आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। हालांकि इस हमले में किसी के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन गाड़ी बुरी तरह डैमेज हुई है। बता दें कि यह आतंकी हमला सोमवार सुबह करीब 7:25 बजे हुआ। फायरिंग होते ही जोगवान में शिवसन मंदिर के पास बट्टल इलाके में दहशत फैल गई। वहीं आतंकी हमला होने की खबर मिलते ही सेना और पुलिस अलर्ट हो गई। तुरंत पूरे इलाके को घेर लिया गया और सर्च ऑपरेशन चलाया गया। हालांकि अभी तक हमला करने वाले आतंकियों का सुराग नहीं मिला है, लेकिन तलाशी जारी रहेगी।
गुलमर्ग और गांदरबल में हो चुके हमले
बता दें कि गुरुवार को भी सेना के वाहन पर आतंकियों ने गोलियां बरसाईं थी। यह हमला 24 अक्टूबर को गुलमर्ग से 6 किलोमीटर दूर बोटा पथरी इलाके में हुआ था। उस हमले में सेना के 2 जवानों और एक कुली की जान गई थी। इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। ड्रोन और हेलीकॉप्टर से सेना-पुलिस ने इलाके का चप्पा-चप्पा खंगाला था, लेकिन आतंकियों का सुराग नहीं मिला। बारामुल्ला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) मोहम्मद जैद मलिक ने हमले की पुष्टि की और बताया कि आतंकी हमला 3 से 4 आतंकियों ने किया था। इससे पहले गांदरबल में आम लोगों पर आतंकियों ने हमला किया था। अचानक हुई फायरिंग में एक डॉक्टर समेत 7 लोग मारे गए थे और करीब 10 बुरी तरह घायल हुए थे।
'खून की हर बूंद का बदला लिया जाएगा'
जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकी हमलों की निंदा करते हुए कहा कि घाटी में निर्दोष लोगों के खून बहाए जा रहे हैं। खून की हर बूंद का बदला लिया जाएगा और आतंकवाद को खत्म करने के लिए सभी तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। दुर्भाग्यवश, हमारा पड़ोसी वह देश है जो आजादी के समय से ही जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां कर रहा है। अपने देश में गरीबी और भुखमरी के बावजूद, वह आतंकवाद को समर्थन देने और नशीले पदार्थों की तस्करी करने जैसे नापाक कृत्यों को जारी रखे हुए है। आतंकवादियों ने हमारे बहादुर सैनिकों, नागरिकों, श्रमिकों और अन्य राज्यों से आए मजदूरों को निशाना बनाया है। इसलिए हमने संकल्प लिया है कि हमारे सुरक्षा बलों द्वारा बहाए गए खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति भारतीय सेना को अधिक सतर्कता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा।