1256 KM लंबाई, 4 राज्यों में कनेक्टिविटी होगी बेहतर... जानें देश के दूसरे लंबे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के बारे में
Amritsar-Jamnagar Expressway: भारत के दूसरे सबसे लंबे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है। अगले साल इसके पूरा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली-मुंबई और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के नए खंडों का उद्घाटन किया है। मोदी ने इस दौरान 74.6 किलोमीटर लंबे चार लेन वाले डांगियावास-नागपुर हाईवे का भी उद्घाटन किया। यह खंड जोधपुर रिंग रोड-1 का हिस्सा है।दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का एक खंड अब लोगों के लिए खुल चुका है। इसकी कुल लंबाई 28 किलोमीटर है। टूरिज्म के लिहाज से भी यह काफी फायदेमंद होगा।
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अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जो चार राज्यों की कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। इसके बनने से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और गुजरात को फायदा मिलेगा। भारतमाला परियोजना के तहत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इसका निर्माण करवा रहा है। इस हाईवे का 915 KM का हिस्सा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट के आधार पर तैयार होगा, जिसमें 4 से 6 लेन होंगी। शेष हिस्से को नेशनल हाईवे से अपग्रेड किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था। माना जा रहा है कि अगले साल तक एक्सप्रेसवे बनकर चालू हो जाएगा।
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एक्सप्रेसवे पर हादसे रोकने के लिए विशेष प्लान तैयार किया गया है। इसके ऊपर एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जा रहा है। फिलहाल हाईवे पर 120KM प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक व्हीकल चलाने की परमिशन नहीं है। हर एक किलोमीटर में इमरजेंसी कॉल बॉक्स बनाए जाएंगे। हादसे या इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत एंबुलेंस पहुंचेगी। एक्सप्रेसवे के बनने से अमृतसर और जामनगर के बीच की दूरी सिर्फ 1256 KM रह जाएगी। मौजूदा समय में 1430 KM की दूरी है। वहीं, 26 घंटे का सफर घटकर आधा यानी 13 घंटे का रह जाएगा।
80 हजार करोड़ रुपये आएगा खर्च
यह एक्सप्रेसवे राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा के कई जिलों से होकर गुजरेगा। साथ ही यह दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से भी कनेक्ट होगा। यह देश का एक लंबा इकनॉमिक कॉरिडोर भी होगा। राजस्थान में यह 636 किलोमीटर कवर करेगा। 1256 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके किनारे औद्योगिक इकाइयों को लगाने की अनुमति होगी। जिससे चारों राज्यों में रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे।