'10 साल की सजा या आजीवन कारावास', पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी पर कौन सी लगीं धाराएं?
Former Andhra Pradesh CM Jagan Mohan Reddy FIR : आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सत्तारूढ़ पार्टी टीडीपी विधायक के रघुराम कृष्ण राजू की शिकायत पर पुलिस ने पूर्व सीएम, दो सीनियर आईपीएस और दो रिटायर्ड ऑफिसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। गुंटूर के नगरमपालम थाने में पांचों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धाराएं 120 B, 166, 167, 197, 307, 326, 465, 506 लगाई गई हैं। आइए जानते हैं कि आरोपियों को कितनी साल की सजा हो सकती है।
आपको बता दें कि यह मामला साल 2021 का है, इसलिए आईपीसी की धाराओं में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता राजू का आरोप है कि सीबीसीआईडी ने उसे गिरफ्तार किया। अवैध रूप से पुलिस गाड़ी में खींचकर बैठाया गया और फिर उसे धमकाया गया। इस मामले में पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी, सीनियर आईपीएस ऑफिसर पीवी सुनील कुमार, पीएसआर सीतारमणजनेयुलु के साथ रिडायर्ड पुलिस अधिकारी आर विजय पॉल एवं गुंटूर सरकारी अस्पताल की पूर्व अधीक्षक जी. प्रभावती को आरोपी बनाया गया है।
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जानें किन धाराओं में कितनी हो सकती है सजा
IPC की धारा 307 : हत्या के प्रयास में दस साल तक की कैद या आजीवन कारावास शामिल है।
IPC की धारा 326 : 10 वर्ष की कारावास से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान है।
IPC की धारा 120 B : 6 महीने से अधिक जेल या जुर्माना। यह दोनों से दंडित किया जा सकता है।
IPC की धारा 166 : सरकारी कर्मचारी द्वारा कानून का उल्लंघन कर दूसरे को चोट पर जेल या जुर्माना से दंडित किया जा सकता है।
IPC की धारा 167 : 3 साल की जेल और आर्थिक दंड की सजा होती है।
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IPC की धारा 197 : इसके तहत आरोपी को जेल के साथ जुर्माना भी देना पड़ता है।
IPC की धारा 465 : दो साल जेल या जुर्माना। दोनों से भी दंडित किया जा सकता है।
IPC की धारा 506 : दो साल जेल या जुर्माना की सजा हो सकती है।