14 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले ट्रेन हादसे का असली सच आया सामने, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया
Andhra Pradesh Train Accident Reason Revealed: 14 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले हादसे का असली सच सामने आ गया है। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की वजह के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया। रेल मंत्री ने बताया कि 29 अक्टूबर 2023 को आंध्र प्रदेश के कंटाकापल्ली में हावड़ा-चेन्नई मार्ग पर 2 ट्रेनों की टक्कर हो गई थी।
रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन ने विशाखापत्तनम पलासा ट्रेन को पीछे से जोरदार टक्कर मारी थी। इस हादसे में 14 लोगों की जान चली गई थी और करीब 50 लोग बुरी तरह घायल हुए थे। रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन के पायलट और को-पायलट की भी जान गई थी। वहीं जब हादसे की जांच की गई तो पता चला कि हादसा लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के कारण हुआ था।
दोनों मोबाइल पर क्रिकेट मैच देख रहे थे, जिस कारण उनका ध्यान भटक गया। इसलिए दोनों को हादसे का जिम्मेदार माना गया है। वे दोनों मैच देखने में इतने मशगूल हो गए थे कि उन्होंने 2 लाल सिग्नल क्रॉस कर लिए थे, वरना उन्हें पता होता कि जिस ट्रैक पर वे दौड़ रहे हैं, उसी ट्रैक पर एक और ट्रेन दौड़ रही और आगे अपने स्टॉपेज पर खड़ी है।
रेल मंत्री ने बताए ट्रेन हादसे रोकने के 2 उपाय
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अभी रेलवे सुरक्षा आयुक्तों (CRS) की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन विशाखापत्तनम पलासा ट्रेन के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने नियमों का उल्लंघन किया है, जिससे कारण इतने लोगों की जान चली गई। अब हम एक ऐसा सिस्टम बनाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेगा कि ड्राइविंग के समय लोको पायलट और सहायक लोको पायलट का फोकस ड्राइविंग पर ही बना रहे।
एक कवच सिस्टम भी ट्रेनों में लगाया जाएगा, जो ऑटोमेटिक रेल प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी है। इसका फायदा यह होगा कि अगर 2 ट्रेनों गलती से एक ट्रैक पर ही आ भी जाएं तो टक्कर होने से पहले कवच ब्रेक ऑटोमेटिक लग जाएग और हादसा नहीं होगा।
मानवीय भूल के कारण ही हुआ था ट्रेन हादसा
ईस्ट कोस्ट रेलवे के CPRO बिस्वजीत साहू ने खुलासा कि अक्टूबर 2023 में आंध्र प्रदेश में हुआ हादसा मानवीय भूल का परिणाम था। विशाखापत्तनम-रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट ने 2 रेड सिग्नलों को अनदेशा करके ओवरशूट किया। सिग्नल ओवरशूट करने के कारण आगे खड़ी विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर ट्रेन का पता नहीं चला और दोनों आपस में भिड़ गई।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों ट्रेनों के करीब 5 डिब्बे पटरी से उतरी। 3 डिब्बे आगे वाली ट्रेन के 2 पीछे वाली ट्रेन के थे। हादसे के बाद रूट पर दौड़ने वाली 33 ट्रेनें कैंसिल की गई थीं। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि लापरवाही के कारण कितना नुकसान उठाना पड़ा? इसका खामियाजा लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को भुगतना पड़ेगा।