'बटेंगे तो कटेंगे' सही बात है, कश्मीर में हिंदू क्यों कटे? पढ़ें अनिरुद्धाचार्य महाराज से खास बातचीत
Aniruddhacharya Maharaj Exclusive Interview (कर्ण मिश्रा, ग्वालियर): विश्व विख्यात कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज आजकल उत्तर प्रदेश के ग्वालियर जिले के प्रवास पर हैं। वे दंदरौआ धाम और बड़ागांव में आयोजित कार्यक्रम में कथा वाचन करने पहुंचे। इस दौरान News24 के संवाददाता कर्ण मिश्रा से एक्सक्लूसिव खास बातचीत में अनिरुद्धाचार्य महाराज ने बटेंगे तो कटेंगे, गौ माता को राज्य माता का दर्जा देने और शराबंदी जैसे खास मुद्दों पर अपनी राय दी। साथ ही आज के दौर में सभी सनातनियो को एक होने का संदेश भी दिया।
राजनीति में एक चर्चा का विषय बने बटेंगे तो कटेंगे मुद्दे पर अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि आज लोग कुछ भी कहते रहें, पर वास्तविकता में इसकी जरूरत है। बटेंगे तो कटेंगे बिल्कुल सत्य बात है। कश्मीर में हिन्दू क्यों कटे, इसका करण यही है, क्योंकि वहां सभी बटे हुए थे। संगठित होते तो क्या कोई आपको काट सकता था। इसलिए मुट्ठी की तरह एकजुट होना बहुत जरूरी है। यदि आज आप बिखर जाओगे तो फिर आप कचरा हो जाओगे।
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इंसानों में धर्म जागृति पर भी खुलकर बोले
अनिरुद्धाचार्य महाराज ने धर्म जाग्रति पर जोर देते हुए कहा कि धर्म के बिना कुछ नही है। आज धर्म की जागृति और उसकी रक्षा बहुत जरूरी है। यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा। कुत्ता-बिल्ली के अंदर धर्म नहीं होता, इसलिए वह कुत्ता है। आपके अंदर धर्म है, इसलिए आप इंसान हो। यही इंसान और जानवर में अंतर बताता है। सोशल मीडिया धर्म जागृति का बड़ा माध्यम है, लेकिन धर्म से जुड़े मामलों में इसका दुरुपयोग भी हो रहा है। आज भी बहुत से लोग भगवान राम को गलत कहते हैं।
सीता मां और मीराबाई को भी गलत बताया जाता है। समाज अच्छाई और बुराई से मिलकर बना है। इसलिए कुछ लोग अच्छा कहते हैं, कुछ लोग बुरा कहते हैं। यही काम किसी को अच्छा लगता है और किसी को बुरा लगता है। सबका अपना-अपना नजरिया होता है। कोई भी चीज बुरी नहीं होती है। हम अच्छे हैं तो हमें सब अच्छा लगेगा। यदि हम बुरे हैं तो हमें सब बुरा लगेगा। इसलिए कबीरदास ने कहा है कि बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोए, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा ना कोए।
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शराबबंदी के लिए ठोस कदम उठाने की अपील
अनिरुद्धाचार्य महाराज ने प्रदेश के साथ देशभर में शराबबंदी को लेकर कहा कि पूर्ण शराबबंदी के लिए लोगों का आगे आना बहुत जरूरी है, लेकिन वह तब तक आगे नहीं आ सकते, जब तक सरकार इस पर कोई ठोस कदम न उठाए। क्योंकि आज सरकार लाइसेंस देकर आपके घर दुकान के पास शराब बिकवा रही है। सभी की जिम्मेदारी यह है कि वह शराब न पिए। आज इस शराबी माहौल के पीछे और उसको प्रचार करने का सबसे बड़ा दोषी भारत का बॉलीवुड है।
बॉलीवुड ने ही गाने बनाए हैं कि मुझे पीने का शौक नहीं, पीता हूं गम भुलाने को। जब लोग इस तरह के गाने सुनेंगे तो सोचेंगे ही कि आज गम है तो हम भी एक पैग मार सकते हैं। शराबबंदी को लेकर ठोस कदम उठाना जरूरी है। जब बाजार में शराब मिलेगी ही नहीं तो पिएगा कौन? सरकार की जिम्मेदारी है कि शराब जुआ सट्टा रमी जैसे खेलो का प्रचार नहीं होना चाहिए। यदि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी की तरह शराबबंदी को लेकर फैसला लें तो उसे कोई भी नहीं रोक सकता।
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गौ माता को राज्य माता बनाने की मांग की गई
अनिरुद्धाचार्य महाराज ने गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिए जाने की मांग मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से की। उनका कहना है कि गाय सभी की माता है। गाय माता के अंदर कुछ बात तो थी इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने भी गायों की सेवा की। उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश शुक्ला से मिलकर मांग की है कि वह गाय माता को महाराष्ट्र की तर्ज पर राज्य माता का दर्जा प्रदान कराएं। जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ऐसा कर सकते हैं तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव गाय माता को राज्यमाता का दर्जा क्यों नहीं दिला सकते हैं?