अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला देने वाले जज ने क्या-क्या कहा? 90 दिनों तक जेल में रहे सीएम
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में शुक्रवार 12 जुलाई को अंतरिम जमानत मिल गई। लेकिन वे फिलहाल जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनको यह जमानत ईडी की गिरफ्तारी पर दायर की गई याचिका के संबंध में मिली है। फिलहाल वे सीबीआई की कस्टडी में है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उनके मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। ऐसे में अब तीन जजों की बेंच इस मामले में आगे की सुनवाई करेगी। वहीं सीजेआई इस संबंध में 3 जजों की नियुक्ति करेंगे। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कई अहम टिप्पणियां कीं। ऐसे में आइये जानते हैं कोर्टरूम में क्या हुआ?
1. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हमने गिरफ्तारी की पाॅलिसी और उसके आधार पर तीन सवाल तैयार किए हैं। जज ने कहा कि हम धारा 19 के सवाल पर विचार कर रहे हैं। धारा 19 और 45 के बीच अब अंतर स्पष्ट हो चुका है। धारा 19 जांच अधिकारी पर निर्भर है जबकि धारा 45 कोर्ट की एक्सरसाइज है। उन्होंने कहा कि कोई की शक्ति अधिकारी की शक्तियों से अलग है।
2. जस्टिस खन्ना ने कहा कि हमने धारा 19 पर क्यों यकीन किया इसका कारण बताया है। ये कारण मापदंडों से मेल नहीं खाते हैं।
3. इसके साथ ही जस्टिस ने कहा कि पूछताछ के आधार पर किसी को गिरफ्तार करने की अनुमति नहीं मिल सकती। अरविंद केजरीवाल 90 दिनों से जेल में हैं। उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है। बड़ी बेंच चाहे तो इसमें बदलाव कर सकती है।
4. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि वे एक निर्वाचित सीएम हैं। हम किसी भी निर्वाचित नेता को पद छोड़ने या सीएम के तौर पर काम करने से मना नहीं कर सकते हैं। ये हम उन पर छोड़ते हैं।
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5. जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान फंडिंग से जुड़े सवाल भी रखे। जिसे संवैधानिक बेंच ने रद्द करने के लिए काॅन्सेप्ट लागू किया है। मामला चुनावी चंदे से जुड़ा है ऐसे में इस मामले की गहनता से जांच की गई।
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