जेल में लॉरेंस बिश्नोई, फिर कैसे ऑपरेट हो रहा गैंग? वसूली, धमकी; मर्डर... ऐसे देता है वारदातों को अंजाम
Baba Siddiqui Murder Case: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई भले ही इस समय साबरमती जेल में बंद है। लेकिन एक के बाद एक मामलों में उसकी गैंग का नाम आ रहा है। जेल की सलाखें उसके शातिर इरादों को रोक नहीं पा रहीं। वह अंदर वारदात की प्लानिंग करता है। गैंग के गुर्गे बाहर उसे अंजाम दे देते हैं। ताजा मामला मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का है। लॉरेंस जेल के अंदर बैठकर कई राज्यों में कत्ल और फायरिंग की वारदातों को अंजाम दिलवा चुका है। विदेश में बैठे कुछ गैंगस्टर भी उसकी मदद करते हैं। यही नहीं, कुछ दिन पहले लॉरेंस ने पंजाबी सिंगर एपी ढिल्लों के कनाडा स्थित घर के बाहर फायरिंग करवाई थी। वैनकूवर शहर में हुई वारदात के बाद इस गैंग का नाम सामने आया था।
साबरमती जेल में बंद है लॉरेंस
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई साबरमती जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में है। वह जेल से ही करोड़ों रुपये की वसूली अपने गुर्गों के जरिए करवाता है। जेल से उसके कई वीडियो और ऑडियो सामने आ चुके हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि लॉरेंस अंदर रहे या बाहर, उसकी गैंग का कोई न कोई कारनामा सामने आ ही जाता है। एनआईए भी पूछताछ के बाद उसके काम करने की पूरी मॉडस ऑपरेंडी बता चुकी है।
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बताया जाता है कि दिल्ली की तिहाड़, राजस्थान की भरतपुर और पंजाब की फरीदकोट जेल में रहते हुए लॉरेंस ने कई कारोबारियों को धमकी दी। यहीं नहीं, कई कारोबारियों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की। चंडीगढ़ के क्लब मालिकों, पंजाब के सटोरियों और हरियाणा के शराब कारोबारियों को भी धमकाने के पीछे उसके गैंग का नाम आ चुका है। बताया जाता है कि पहले उसके गुर्गे कारोबारियों और धंधेबाजों के नंबर लेकर आते हैं। वो लॉरेंस को दिए जाते हैं। जिसके बाद कारोबारियों को कॉल कर पैसा पहुंचाने के लिए ठिकाना बताया जाता है।
काफी हथियार खरीद चुका है लॉरेंस का गैंग
सूत्रों के मुताबिक काला राणा, गोल्डी बराड़ और काला जठेड़ी जैसे गैंगस्टर भी लॉरेंस के साथ हैं। वहीं, गुरलाल बराड़ नाम के गैंगस्टर का कत्ल हो चुका है। लॉरेंस का गैंग राजस्थान के क्रशर और स्टोन कारोबारियों से भी वसूली करता है। इस काम में गैंगस्टर आनंदपाल का भाई विक्की सिंह और मंजीत सिंह भी उसकी मदद करते हैं। सूत्रों के अनुसार 2018 से 2022 तक लॉरेंस ने काफी हथियारों की खरीद की थी। इन हथियारों में AK47 तक शामिल थी। इन्हें यूपी के आर्म्स सप्लायर कुर्बान चौधरी उर्फ शहजाद से खरीदा गया था। डील गैंगस्टर रोहित चौधरी ने करवाई थी।
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