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टॉय गन से प्‍लेन कर ल‍िया हाईजैक! पूर्व पीएम की र‍िहाई के ल‍िए रची साज‍िश, दिल्ली से लखनऊ तक हंगामा

1978 Indian Airlines Flight Hijack: पालम एयरपोर्ट पर फ्लाइट के लैंड होने से ठीक 15 मिनट पहले 15वीं कतार में कुछ हलचल हुई। भोलानाथ पांडेय अपने दोस्त देवेंद्र पांडेय के साथ अपनी सीट से उठे और कॉकपिट में जाकर पायलट को अपने कंट्रोल में कर लिया।
05:00 PM Sep 03, 2024 IST | Nandlal Sharma
भोलानाथ पांडेय ने अपने दोस्त के साथ मिलकर प्लेन का अपहरण कर लिया था। फोटोः यूपी कांग्रेस
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Bholanath Pandey 1978 Indian Airlines Flight Hijack: इन द‍िनों Netflix की एक वेब सीरीज को लेकर बवाल मचा हुआ है। कांधार हाईजैक पर बनी वेब सी‍रीज IC 814: The Kandahar Hijack में आतंक‍ियों के नाम ह‍िंदू बताने के बाद बवाल मच गया है। मामला कोर्ट तक पहुंच गया। सरकार ने भी Netflix को तलब कर ल‍िया। इस बीच हम आपको एक ऐसे प्‍लेन हाईजैक के बारे में बताने जा रहे हैं, ज‍िसने पूरे देश में बवाल मचा द‍िया था।

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रोचक बात यह है क‍ि ये हाईजैक‍िंंग करने वाले मुस्‍ल‍िम नहीं बल्‍क‍ि ह‍िंंदू ही थे। दरअसल साल 1978, आपातकाल का दौर खत्म हो गया था। केंद्र की सत्ता में जनता पार्टी की सरकार थी। प्रधानमंत्री थे मोरारजी देसाई। इसी साल दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर एक युवा ने अपने दोस्त के साथ मिलकर इंडियन एयरलाइंस के IC 410 विमान को हाईजैक कर लिया। प्लेन ने कोलकाता से उड़ान भरी थी, और उसे दिल्ली उतरना था। लेकिन लैंड होने से पहले ही प्लेन हाईजैक हो गया।

अपहरणकर्ता विमान को नेपाल या बांग्लादेश ले जाना चाहता था, लेकिन पायलट ने जब ईंधन कम होने की बात की तो प्लेन को वाराणसी में उतारने पर सहमति बनी। अपहरकर्ता की मांग थी कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को तत्काल रिहा किया जाए। हाईजैक प्लेन जब तक वाराणसी पहुंचता दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया।

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इमरजेंसी के बाद के हालात में इंदिरा गांधी की सत्ता चली गई थी। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे और गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह थे। वहीं उत्तर प्रदेश में राम नरेश यादव मुख्यमंत्री थे। हाईजैक की खबर के बाद दिल्ली से लखनऊ फोन पहुंचा तो सीएम ने खुद वाराणसी एयरपोर्ट पर हमलावर से बात की और प्लेन को मुक्त कराया।

प्लेन हाईजैक करने वाले का नाम भोलानाथ पांडेय था, उनके सहयोगी देवेंद्र पांडेय थे। प्लेन में बंधक बनाए गए यात्रियों को मुक्त कराने के बाद पुलिस ने भोलानाथ पांडेय को गिरफ्तार कर लिया। इन्हीं भोलानाथ पांडेय का प‍िछले महीने 24 अगस्त को निधन हो गया। वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।

कई महीने जेल में रहे भोलानाथ

प्लेन हाईजैक के बाद भोलानाथ को कई महीने जेल में रहना पड़ा। इसके बाद 1980 में जब इंदिरा गांधी सत्ता में लौटीं तो भोलानाथ की जेल से रिहाई हुई। जेल से रिहा होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और भोलानाथ विधायक बने। इंदिरा गांधी के समय से ही भोलानाथ गांधी परिवार के करीबी थे। वे 1980 से 1985 और 1989 से 1991 तक दो बार द्वाबा (अब बैरिया) विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। वहीं कांग्रेस के संगठन में भी कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला।

भोलानाथ पांडेय बैरिया क्षेत्र के मुनिछपरा गांव के रहने वाले थे। इंटर कॉलेज बैरिया और दुबे छपरा से शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने बीएचयू से स्नातक की पढ़ाई की और फिर हिंदी विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। 1980 के चुनाव में भोलानाथ पांडेय ने द्वाबा के मजबूत नेता मैनेजर सिंह का हराकर पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता। 1991 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। उन्होंने आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में उन्होंने पार्टी प्रभारी के तौर पर काम किया।

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क्रिकेट की गेंद से किया प्लेन हाईजैक

प्लेन हाईजैकिंग के वक्त भोलानाथ पांडेय ने क्रिकेट की एक गेंद को बम और खिलौने वाले नकली बंदूक को पिस्टल बताया था। इन्हीं नकली हथियारों के दम पर उन्होंने प्लेन को हाईजैक कर लिया। दरअसल पालम एयरपोर्ट पर फ्लाइट के लैंड होने से ठीक 15 मिनट पहले 15वीं कतार में कुछ हलचल हुई। भोलानाथ पांडेय अपने दोस्त देवेंद्र पांडेय के साथ अपनी सीट से उठे और कॉकपिट में जाकर पायलट को अपने कंट्रोल में कर लिया।

प्लेन को हाईजैक करने के बाद दोनों ने ऐलान किया कि प्लेन दिल्ली नहीं बल्कि पटना जाएगी। इसके बाद उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्लेन को वाराणसी ले जाया जाएगा। फ्लाइट के कैप्टन एमएन भट्टीवाला ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पांडेय पहले विमान को नेपाल ले जाना चाहते थे। लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

'हाईजैक का आइडिया केवल प्रोटेस्ट था'

इस बीच भोलानाथ पांडे ने माइक्रोफोन पर भाषण दिया और खुद को यूथ कांग्रेस का सदस्य बताया। उन्होंने कहा कि वे अहिंसा में विश्वास करते हैं और पैसेंजर्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसी भी यात्री ने प्लेन हाईजैक को सीरियसली नहीं लिया। हालांकि भोलानाथ पांडेय ने मांग रखी कि इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के खिलाफ सारे केस वापस लिए जाएं।

जब भोलानाथ पांडेय के हथियारों की जांच की गई तो पता चला कि जिसे वो बम बता रहे थे, वो दरअसल क्रिकेट की गेंद थी, जिसे वो पिस्टल बता रहे थे, वो खिलौना था। विमान हाईजैक की घटना के बाद भोलानाथ पांडे दुनिया भर में चर्चित हो गए।

बाद में एक इंटरव्यू में भोलानाथ पांडेय ने कहा था कि विमान को हाईजैक करने का आइडिया केवल एक प्रोटेस्ट था, जिसका मकसद इंदिरा गांधी के लिए जनता पार्टी की सरकार पर दबाव बनाना था।

 

 

 

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