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नीतीश सरकार को बड़ा झटका, बिहार में 65 फीसदी आरक्षण को पटना HC ने किया रद्द

Patna HC Cancel 65 percent Reservation in Bihar: पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा एससी, एसटी ईबीसी और ओबीसी को दिए 65 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 11 मार्च को पूरी कर ली थी।
11:54 AM Jun 20, 2024 IST | Rakesh Choudhary
पटना हाईकोर्ट ने रद्द की आरक्षण की बढ़ाई सीमा
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Patna HC Cancel 65 percent Reservation in Bihar: पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरक्षण पर बड़ा फैसला सुनाते हुए नीतीश कुमार को झटका दे दिया। कोर्ट ने नीतीश सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानो और नौकरियों में दिए गए 65 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया। हाई कोर्ट ने बिहार सरकार की आरक्षण सीमा बढ़ाए जाने के फैसले को खारिज कर दिया है। सरकार ने यह आरक्षण एससी, एसटी, ईबीसी और ओबीसी वर्ग को दिया था।

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इससे पहले हाइ्र्रकोर्ट ने गौरव कुमार और अन्य द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने 11 मार्च 2024 को सुनवाई पूरी कर ली थी। जिस पर कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया। बता दें कि चीफ जस्टिस वी चंद्रन की अगुवाई वाली पीठ ने गौरव कुमार व अन्य याचिकाओं पर लंबी सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था।

9 नवंबर को विधानमंडल ने पारित किया था नया आरक्षण

गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार ने 7 नवंबर 2023 को विधानसभा में इसकी घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार बिहार में आरक्षण के दायरे को बढ़ाएगी। 50 फीसदी से इसे 65 या उससे ऊपर ले जाएंगे। कुल आरक्षण 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करेगी। जिसके बाद कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई थी। इसके बाद इसे शीतकालीन सत्र के चौथे दिन 9 नवंबर को विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित कर दिया गया था।

देश में अभी किसको कितना आरक्षण

देश में आरक्षण की कुल सीमा 49.5 प्रतिशत है। एससी को 15 प्रतिशत, एसटी को 7.5 प्रतिशत और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण अभी मिला हुआ है। इसके अलावा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है। हालांकि नवंबर मे सुप्रीम कोर्ट आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को मिले आरक्षण को सही ठहरा चुकी है। इससे पहले बिहार में भी आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत ही थी।

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सरकारी नौकरियों में किसकी-कितनी हिस्सेदारी

बिहार सरकार ने पिछले साल के आखिर में विधानसभा में राज्य के आर्थिक और सामाजिक सर्वे के आंकड़े रखे गए थे। इस दौरान सरकार ने यह भी बताया कि सरकारी नौकरियों में किस वर्ग से कितने लोग है। सर्वे के अनुसार बिहार में सामान्य वर्ग की आबादी 15 प्रतिशत है और सबसे ज्यादा 6 लाख से अधिक नौकरियां भी उनके पास हैं। नौकरी के मामले में दूसरे नंबर पर 63 फीसदी आबादी पिछड़े वर्ग की है। इस वर्ग के पास कुल 6 लाख 21 हजार से अधिक नौकरियां हैं। तीसरे पर 19 प्रतिशत वाली एससी जातियां है। एससी के पास 2 लाख 91 हजार के आसपास नौकरियां हैं। वहीं सबसे कम सरकारी नौकरियां एसटी वर्ग के पास हैं। इस वर्ग के पास सिर्फ 30 हजार नौकरियां हैं।

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