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मेरी मां खो गई है, कोई उनका पता बता दे, एक बार गले लगाना है; रुला देगी विदेश से मां को तलाशने आई महिला की कहानी

Biological Mother Search Operation: स्वीडन से एक महिला अपनी बॉयोलॉजिकल मां को तलाशने के लिए भारत आई है। उसने नागपुर का एक-एक कोना खंगाल लिया। सभी सरकारी रिकॉर्ड देख लिए, लेकिन उसने कसम खाई है कि वह अपनी मां को मिले बिना नहीं जाएगी।
07:20 AM Apr 02, 2024 IST | Khushbu Goyal
Swedish Nationalist Patricia Eriksson
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Biological Mother Search Opertion: कोई मुझे मेरी मां का पता दे, उनसे एक बार मिला दे। मुझे उन्हें गले लगाना है। उनके सीने से लगकर चैन की नींद सोना चाहती हूं। मुझे उनसे कोई गिला शिकवा नहीं, उन्होंने मुझे छोड़ दिया, कोई बात नहीं, लेकिन उनसे मिलने की इच्छा है। यह कहना है उस महिला का, जो अपनी जैविक मां की तलाश में 7 समंदर पार से आई है।

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41 साल की पेट्रीसिया एरिकसन स्वीडन से इंडिया आई हैं। वे अपनी मां को तलाश रही हैं, जो बिन ब्याही मां बनी थीं और फिर उन्हें बेटी को एक अनाथालय में छोड़ दिया था। उस बच्ची को स्वीडन के परिवार ने गोद लिया था और अब 40 साल बाद वह अपनी मां को ढूंढने के लिए भारत आई है। उसका कहना है कि वह अपनी मां से मिले बिना नहीं जाएगी।

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हर जगह सरकारी रिकॉर्ड खंगाल लिया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रीसिया ने बताया कि फरवरी 1983 में उसका जन्म हुआ था, लेकिन अविवाहित मां बनी उसकी मां ने उसे एक अनाथ आश्रम में छोड़ दिया। जब वह एक साल की थी तो एक स्वीडिश परिवार ने उसे गोद लिया और वह स्वीडन चली गई। जब उसे पता चला कि उसकी बॉयोलॉजिकल मदर इंडिया में है तो वह उन्हें तलाशने आ गई।

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वह उस अनाथ आश्रम में भी गई, जहां उसे छोड़ा गया था, लेकिन वहां उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसने भारतीय नियमों के अनुसार, जहां-जहां बच्चों और उनके माता-पिता का रिकॉर्ड हो सकता है, सब जगह तलाश कर लिया, लेकिन मां का सुराग नहीं लगा। आंगनबाड़ियों, स्कूलों, पुलिस स्टेशनों और शांतिनगर के पुराने इलाकों का दौरा भी कर लिया, लेकिन शांता नहीं मिली।

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अनाथ आश्रम में भी नहीं मिला सुराग

पेट्रीसिया बताती है कि उसे सिर्फ मां का नाम पता है, सोमवार को वह उनकी तलाश में रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट में भी गई, लेकिन वहां भी शांता नाम की महिला नहीं मिली। पेट्रीसिया कहती हैं कि वे 3 बेटों की मां हैं और मां होना क्या होता है, वह समझ सकती हैं। मैं यहां किसी को जज करने के लिए नहीं आई हूं। स्वीडिश माता-पिता की दिल से आभारी हूं, उन्होंने मेरी अच्छी परवरिश की।

मेरे पास उनकी कृतज्ञता के लिए शब्द नहीं हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि उनके पास उनकी मां या उनकी तस्वीर के बारे में प्रामाणिक डेटा होगा। पेट्रीसिया बचपन से ही अपनी मां से मिलने की चाहत रखती हैं, और अपने शहर की किसी भी सांवली औरत की देखकर वह उसके पास जाती थीं। अब उन्होंने अपने गोद लेने के दस्तावेजों की जांच शुरू की है।

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