जम्मू और कश्मीर में हारकर भी जीती बीजेपी! 18 सीटों पर जब्त हुई जमानत, लेकिन...
Jammu and Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू और कश्मीर में बीजेपी का प्रदर्शन पार्टी के लिए उत्साह बढ़ाने वाला है। भले ही वह अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद राज्य में सरकार बना पाने में असफल रही हो। लेकिन जम्मू में बीजेपी ने कांग्रेस का सफाया कर दिया। 2014 के वोट शेयर को बढ़ाकर बीजेपी ने 22 से 25 प्रतिशत कर लिया और अब सीटों की संख्या बढ़ाकर 25 से 29 कर ली है।
बीजेपी को न केवल जम्मू में जीत मिली है बल्कि घाटी में जिन 19 सीटों पर पार्टी ने चुनाव लड़ा था, उनमें 1 सीट छोड़कर बाकी सभी 18 सीटों पर जमानत जब्त हुई है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि पार्टी के वोट शेयर में इजाफा हुआ है।
बीजेपी के वोट प्रतिशत में बड़ा इजाफा
2014 में बीजेपी ने घाटी में 33 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट छोड़कर सभी सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। बीजेपी को इन चुनावों में 2.5 प्रतिशत वोट मिले थे। हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और पार्टी को 5.8 प्रतिशत वोट मिला है।
कश्मीर में बीजेपी की असफलता, विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने, राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने को लेकर लोगों की नाराजगी को दर्शाता है। बावजूद इसके बीजेपी के वोट शेयर में इजाफा दर्ज किया गया है।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को देखें तो समझ आता है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में घाटी में अपने उम्मीदवार क्यों नहीं उतारे। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गुरेज और हब्बाकदल सीटों पर शानदार प्रदर्शन किया। और इन दोनों सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही।
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गुरेज में बीजेपी ने NC को चौंकाया
पाकिस्तान के साथ लगी नियंत्रण रेखा पर स्थित गुरेज विधानसभा में बीजेपी की जमानत बच गई। 21 हजार वोटरों वाली इस विधानसभा में बीजेपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को कड़ी चुनौती दी और दूसरे स्थान पर रही। 2014 में पार्टी ने इस क्षेत्र में चुनाव नहीं लड़ा था। लेकिन इस बार पार्टी को 40 प्रतिशत वोट मिला और सिर्फ 1 हजार वोटों के अंतर से वह दूसरे स्थान पर रही। बीजेपी ने यहां फकीर मोहम्मद खान को मैदान में उतारा था, उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के नजीर अहमद खान से था।
हब्बाकदल में दूसरे स्थान पर रही बीजेपी
श्रीनगर की हब्बाकदल सीट पर बीजेपी दूसरे स्थान पर रही, लेकिन उसकी जमानत नहीं बच पाई। बीजेपी को सिर्फ 2899 वोट मिले। इस इलाके में 20 हजार कश्मीरी पंडित वोटरों के घर हैं, लेकिन हब्बाकदल सीट पर 16 उम्मीदवारों में कई सारे कश्मीरी पंडित थे। बीजेपी ने पंडित अशोक कुमार भट को चुनावी मैदान में उतारा था, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस की शमीम फिरदौस से हार गए।
फिरदौस को 12,437 वोट मिले, ये बताता है कि हब्बाकदल में उम्मीदवारों को वोट कैसे मिले। 2014 में भी बीजेपी हब्बाकदल में दूसरे स्थान पर थी। हालांकि 2014 और 2024 में हब्बाकदल में वोटिंग बहुत कम हुई।
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घाटी की अन्य सीटों का हाल
बिजबेहरा और अनंतनाग ईस्ट में बीजेपी तीसरे स्थान पर रहीं, शोपियां और चन्नीपोरा में पार्टी चौथे स्थान पर रहीं, जबकि आठ विधानसभा सीटों पर वह पांचवें स्थान पर रहीं। बांदीपोरा में पार्टी को 1 हजार से कुछ ज्यादा वोट मिले, और वह 12वें स्थान पर रही, जबकि श्रीनगर की ईदगाह सीट पर बीजेपी को सबसे कम 479 वोट मिले। 2014 में भाजपा को 12 विधानसभा क्षेत्रों में एक हजार से भी कम वोट मिले थे। जदीबल में पार्टी को 360 वोट मिले थे। इस बार केवल 2 सीटों पर पार्टी को 1 हजार से कम वोट मिले हैं।
बीजेपी से कम रहा नेशनल कॉन्फ्रेंस का वोट शेयर
घाटी में बीजेपी और कांग्रेस के गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं, कश्मीर की 47 सीटों में कांग्रेस-एनसी को 41 सीटें मिली हैं, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस का वोट शेयर 23.43 प्रतिशत रहा, जोकि बीजेपी से कम है। बता दें कि 2024 के चुनाव से पहले मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर में नए सिरे से परिसीमन कराया था और 2014 के मुकाबले जम्मू क्षेत्र में सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 हो गईं, जबकि कश्मीर में सीटों की संख्या 46 से बढ़कर 47 हो गई।